एसजेवीएन को विद्युत मंत्रालय द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा अवार्ड-2023 में प्रथम पुरस्कार से किया गया सम्मानित

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शिमला। नन्‍द लाल शर्मा, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने बताया कि एसजेवीएन को विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित स्वच्छता पखवाड़ा अवार्ड-2023 में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

नन्‍द लाल शर्मा ने यह पुरस्कार केंद्रीय ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल से आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में प्राप्त किया। इस अवसर पर एसजेवीएन की निदेशक (कार्मिक) गीता कपूर भी उपस्थित रही।

नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि प्रत्‍येक वर्ष 16 से 31 मई तक स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान अनुकरणीय पहलों के लिए विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को सम्मानित करने के लिए विद्युत मंत्रालय द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा अवार्ड प्रदान किए जाते हैं।

जनता के मध्‍य स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जागरूकता उत्‍पन्‍न करने के लिए की गई पहलों के लिए सार्वजनिक उपक्रमों का मूल्यांकन कई मापदंडों पर किया जाता है। एसजेवीएन ने प्रथम पुरस्कार प्राप्‍त किया है, जबकि पीजीसीआईएल और पीएफसी को क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। गत वर्ष भी एसजेवीएन ने प्रथम पुरस्कार प्राप्‍त किया था।

नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि “यह एसजेवीएन के लिए बड़े सम्‍मान की बात है कि एसजेवीएन लगातार दो वर्षों से प्रथम पुरस्कार प्राप्‍त कर रहा है। प्रत्‍येक वर्ष हम भारत में अपने सभी परियोजना स्थलों और कार्यालयों में विभिन्न गतिविधियाँ निष्‍पादित करने के लिए स्वच्छता पखवाड़े के लिए एक योजना तैयार करते है। हम इन पहलों को कार्यान्वित करने और स्वच्छता का संदेश प्रसारित करने के लिए तत्‍परता से कार्य करते हैं।”

इस वर्ष की कार्य योजना में वृक्षारोपण अभियान, जागरूकता शिविर, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण- अनुकूल सामग्री के उपयोग को मजबूत करने के लिए विशेष अभियान, सार्वजनिक स्थानों पर ठोस अपशिष्ट निपटान मशीनों और डस्‍टबीनों की स्थापना, मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता सत्रों और बालिकाओं के लिए सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में सैनिटरी पैड इन्सिनरेटरों की स्थापना, स्थानीय समुदायों में स्वच्छता और व्यक्तिगत स्वच्छता सामग्री का वितरण आदि शामिल है।

एक नवीन पहल करते हुए, एसजेवीएन ने नगर निगम शिमला और रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से शिमला के सभी नगर निगम वार्डों, हिमाचल प्रदेश में एसजेवीएन परियोजनाओं के आसपास के नगर निगम वार्डों और परियोजना से जुड़ी पंचायतों में खाली दूध के पाउचों को संग्रहि‍त करने की योजना आरंभ की है।

पब्लिक सेंसीटाईजेशन में योगदान देने के लिए, अपशिष्‍ट के पृथक्करण, वर्मी-कंपोस्टिंग, कृषि के लिए अपशिष्ट जल का पुनर्उपयोग आदि को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता शिविर भी आयोजित किए गए।

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