एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने नई दिल्ली में नेपाल के प्रधानमंत्री से की शिष्टाचार भेंट

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शिमला। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने नई दिल्ली में नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री शेर बहादुर दुएबा से शिष्टाचार भेंट की। नेपाल के प्रधानमंत्री, नेपाल सरकार के अन्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

शर्मा ने नेपाल में एसजेवीएन द्वारा निर्मित की जा रही 900 मेगावाट की अरुण-3 जल विद्युत परियोजना की प्रगति से नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया।

शर्मा ने रिकॉर्ड समय में लोअर अरुण परियोजना की डीपीआर तैयार करने और अनुमोदन से संबंधित गतिविधियों की भी जानकारी दी।

एसजेवीएन का लक्ष्य निर्धारित समय से पहले अरुण-3 परियोजना को कमीशन करना और आवश्यक अनुमोदन मिलते ही लोअर अरुण परियोजना का निर्माण आरंभ करना है।

शर्मा ने नेपाल की विशाल जलविद्युत क्षमता के विकास और जल विद्युत परियोजनाओं के तीव्र और कुशल निष्पादन के लिए एक-बेसिन, एक- विकासकर्ता के दृष्टिकोण का पालन करने के संलाभों के बारे में भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने अरुण-3 परियोजना की निर्माण प्रगति की सराहना की और नेपाल की जल विद्युत क्षमता के इष्टतम विकास के लिए अपने पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

तत्पश्चात नन्द लाल शर्मा ने नेपाल की ऊर्जा मंत्री पम्पा भुसाल से भी भेंट की। शर्मा ने निर्माण गतिविधियों की प्रगति और अरुण -3 और लोअर अरुण परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों पर शिष्टाचार वार्ता की।

इससे पहले नन्द लाल शर्मा ने भारतीय उद्योग संघ द्वारा आयोजित नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ भारत के शीर्ष सीईओ (Top CEOs) के एक विशेष सत्र में भाग लिया जहां भारत के शीर्ष व्यापार जगत के नेताओं ने प्रधानमंत्री के साथ बातचीत की और दोनों देशों के मध्य पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के लिए अपने सुझाव और टिप्पणियां दीं।

अपनी बातचीत के दौरान शर्मा ने सर्वोच्च प्राथमिकता पर कई मुद्दों को समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त किया और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए मशीनरी और उपकरणों की कस्टम मंजूरी की प्रक्रिया को सरल बनाकर विकासकर्ता को सुविधा प्रदान करने का भी सुझाव दिया।

उन्होंने भारत के ठेकेदारों, विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा नेपाल से भारत में मुद्रा भुगतान के प्रेषण के लिए नेपाल में प्रक्रिया के सरलीकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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