शिमला। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अवगत करवाया कि कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) ने पंजाब राज्य में 100 मेगावाट सौर परियोजना के लिए बैलेंस ऑफ सिस्टम (बीओएस) पैकेज के लिए करार किया है।
एसजीईएल ने मैसर्स बीवीजी इंडिया लिमिटेड के साथ करार किया है, यह एसजीईएल का प्रथम बीओएस संविदा अवार्ड है, जो 132.64 करोड़ रुपए का है। संविदा में तीन वर्ष की अवधि के लिए सोलर पीवी प्लांट का प्रचालन और रखरखाव भी शामिल है।
नन्द लाल शर्मा ने आगे बताया कि, एसजेवीएन ने ई-रिवर्स ऑक्शन (ई-आरए) के माध्यम से 2.65 रुपए प्रति यूनिट की टैरिफ दर से टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया अर्थात बिल्ड ओन एंड ऑपरेट (बीओओ) के आधार पर इस परियोजना हासिल किया है।
इस परियोजना के आरंभ होने से 259798 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है और यह भारत सरकार के कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने के मिशन में सहायता देगी।
उन्होंने आगे अवगत करवाया कि इस परियोजना के निर्माण की संभावित लागत 545 करोड़ रुपए है। इस परियोजना से प्रथम वर्ष में 227 मियू विद्युत उत्पादन होने की आशा है, जबकि 25 वर्षों की अवधि में संचयी विद्युत उत्पादन लगभग 5302 मियू होगा।
पीएसपीसीएल एवं एसजेवीएन के मध्य 25 वर्षों के लिए विद्युत खरीद करार (पीपीए) पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त), एसजेवीएन, अजय कुमार सिंह, उप सीईओ और एसजीईएल एवं मैसर्स बीवीजी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में संविदा करार पर मनोज कुमार नेगी, उप महाप्रबंधक, एसजीईएल और पंकज ढींगरा, निदेशक, बीवीजी इंडिया लिमिटेड द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
शर्मा ने आगे कहा कि भारत सरकार ने सभी को 24X7 विद्युत उपलब्ध करवाने के विजन की परिकल्पना की है। विभिन्न मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन करने संबंधी भारत के संकल्प को दोहराया है।
उन्होंने यह भी अवगत करवाया कि केंद्रीय विद्युत एवं एनआरई मंत्री आर के सिंह 24X7 किफायती और ग्रीन पावर के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु सौर ऊर्जा क्षमता के दोहन में विद्युत क्षेत्र के सभी सार्वजनिक उपक्रमों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर रहे हैं।
भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप, एसजेवीएन ने वर्ष 2023-24 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की क्षमता वृद्धि का अपना साझा विजन निर्धारित किया है।
बैलेंस ऑफ सिस्टम (बीओएस) फोटोवोल्टिक पैनलों के अतिरिक्त फोटोवोल्टिक प्रणाली के समस्त घटकों को सम्मिलित करता है। इसमें वायरिंग, स्विच, एक माउंटिंग सिस्टम, एक या कई सोलर इनवर्टर, एक बैटरी बैंक और बैटरी चार्जर शामिल हैं।