शिमला। भारतीय जनता पार्टी में शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से चाय वाले को चुनावी मैदान में उतारा है। साल 2007 में पार्षद के तौर पर चुनावी राजनीति की शुरुआत करने वाले संजय सूद शिमला शहर से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं।
मौजूदा वक्त में सूद हिमाचल भाजपा के कोषाध्यक्ष का पदभार भी देख रहे हैं। शहर भर में संजय सूद को टिकट मिलने के बाद जनता उनकी तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कर रही है। साल 2007 से लगातार चुनाव जीत रहे सुरेश भारद्वाज को पार्टी ने कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में से टिकट चुनावी मैदान में उतारा है।
शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजय सूद ने कहा कि वे खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पैरों की धूल भी नहीं मानते, लेकिन वे जनता के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने टिकट देने के लिए पार्टी आलाकमान का आभार व्यक्त किया है।
संजय सूद ने शहर में ट्रैफिक जाम, पार्किंग और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना अपनी प्राथमिकता बताया है। शिमला शहर में गुटबाजी के सवाल पर संजय सूद ने कहा कि टिकट मांगना पार्टी के हर कार्यकर्ता का अधिकार है।
उन्होंने भी इसी अधिकार के तहत पार्टी में टिकट के लिए अप्लाई किया था। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं में लड़ाई सिर्फ टिकट तक रहती है, लेकिन टिकट आवंटन के बाद सभी मिलकर जीत के लिए काम करते हैं।
गौरतलब है कि साल 2017 में भी संजय सूद भारतीय जनता पार्टी के की टिकट के लिए प्रबल दावेदार थे। संजय सूद और सुरेश भारद्वाज को पार्टी के भीतर का धुर विरोधी माना जाता है। बीते 5 साल से दोनों ही नेताओं के गुट संगठन और सरकार में अलग-अलग दिशाओं में काम करते रहे।
यह देखना होगा कि संजय सूद को शिमला और सुरेश भारद्वाज को कसुम्पटी से टिकट मिलने के बाद कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करेंगे या नहीं।