शिमला। जिला शिमला में नशे के सौदागरों पर कड़ी करवाई जारी है। पिछले कुछ समय से नशे के व्यापार पर शिमला पुलिस काफी हद तक अंकुश लगाने में सफल भी हुई है।
शिमला पुलिस को नशा तस्करों के खिलाफ लगातार सफलता भी मिल रही है। 22 महीने में 1200 के करीब आरोपी गिरफ्तार किये गये हैं।
वहीं अगर इस वर्ष की बात करें तो 570 लोग अभी तक गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें 21 महिलाएं हैं। इन मामलों के 200 से 300 आरोपी तो अभी भी जेलों में बंद हैं। यही नही नशा तस्करों की प्रॉपर्टी पर भी पुलिस के रडार पर है।
पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी ने बताया कि पुलिस की नशा तस्करों के खिलाफ जंग जारी है। जिला पुलिस लगातार नशा तस्करों पर कार्रवाई कर रही है। शिमला पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ एक सुदृढ़ नेटवर्क तैयार किया है। नशे के तस्करों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
पुलिस के इन्हीं सब प्रयासों का नतीजा है कि जिला पुलिस ने हाल ही शशि नेगी नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
शशि नेगी, शाही महात्मा गैंग का सरगना, रोहड़ू और ठियोग में नशे का धंधा कर रहा था। एसपी ने बताया कि यह आरोपी सेब कारोबार की आड़ में नशे का धंधा कर रहे था। अभी तक इस गैंग के 52 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। यह गिरोह गत तीन-चार वर्षों से रोहड़-चिड़गांव के क्षेत्रों में सक्रिय था और इस दौरान करीब 7 से 8 करोड़ का कारोबार हुआ।
उन्होंने कहा कि जिला पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान पता चला है कि जिले में करीब 45 करोड़ रुपए का चिट्टे का कारोबार होता है।
एसपी संजीव गांधी ने कहा कि एसआईआईएनएस नशे की रोकथाम में अहम भूमिका निभा रहा है।
वहीं उन्होंने बताया कि अभी तक ऐसा कोई भी प्रूफ नहीं मिला है कि हिमाचल में ड्रग्स बनाया जा रहा है। ड्रग्स हिमाचल में बाहर के राज्यों से ही लाया जा रहा है।
पुलिस ने नशा तस्करों की कमर तोड़ दी है और इस नैटवर्क को ध्वस्त कर दिया है।उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के नशे की अवैध गतिविधियों को लेकर जिला पुलिस मुस्तेद है और जो भी इसमे संलिप्त पाया जाता है उसे बक्शा नही जायेगा।