शिमला। शिमला नागरिक सभा की टूटू इकाई ने प्रदेश सरकार के शहरी विकास मंत्री द्वारा टूटू में किये उद्घाटन, लोकार्पण, भूमि पूजन व शिलान्यास कार्यक्रमों को हास्यास्पद व चुनावी स्टंट करार दिया है।
नागरिक सभा नेता विजेंद्र मेहरा,हेमराज चौधरी, टेक चंद, मलकीयत सिंह, सुरजीत कुमार, दीपक कुमार व संदीप वर्मा ने कहा है कि वर्तमान नगर निगम शिमला को कार्य करते हुए पांच साल पूर्ण हो चुके हैं परन्तु इस दौरान टूटू में एक भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।
डेढ़ महीने के भीतर प्रस्तावित नगर निगम चुनावों के मध्यनज़र अब प्रदेश सरकार व नगर निगम शिमला कुम्भकर्णी नींद से जागे हैं तथा उद्घाटन,भूमि पूजन, शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रमों में लग गए हैं।
प्रदेश सरकार व नगर निगम शिमला टूटू में शिलान्यासों व उद्घाटन पट्टिकाओं को स्थापित करने को ही अपने पांच साल की उपलब्धियां मानकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि टूटू शिमला शहर के सबसे बड़े कस्बों में से एक है। इसकी हालत दयनीय है व नगर निगम के सौतेले व्यवहार के कारण यह नगर निगम शिमला के सबसे पिछड़े वार्डों में शामिल हो गया है।
टूटू में पिछले पांच साल में एक भी पार्किंग व सामुदायिक भवन तक का निर्माण नहीं हो पाया है। पिछले पांच वर्षों में पार्किंग का शिलान्यास दूसरी बार हो गया परन्तु इसका एक इंच कार्य तक नहीं हुआ है। मजठाई वर्षा शालिका से विजयनगर वर्षा शालिका सड़क को बनते हुए कई वर्ष बीत चुके हैं परन्तु यह कार्य भी अभी अधूरा है।
ऐसी सड़क जिस पर वाहन चल नहीं सकते हैं उसके भूमि पूजन का क्या मतलब बनता है। टूटू चौक के बिल्कुल नजदीक समरहिल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के होने के बावजूद नगर निगम शिमला की लचर कार्यप्रणाली के कारण टूटू चौक के ज़्यादातर भवनों को सीवरेज कनेक्टिविटी सुविधा नहीं मिल पाई है।
टूटू में पैदल मार्ग, फुट ओवरब्रिज, टूटू चौक, गोबिंद मोहल्ला, लोअर टूटू, टूटू स्कूल क्षेत्र, विजयनगर व बंगाला कॉलोनी में सीवरेज कनेक्टिविटी, रास्तों, स्ट्रीट लाइटों व सड़क किनारे की नालियों के रखरखाव, एम्बुलेंस सड़क के किनारे पैदल मार्ग,भवनों के नियमितीकरण,जलशक्ति विभाग द्वारा कई दिन बाद पानी आपूर्ति आदि समस्याओं के समाधान पर नगर निगम शिमला एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है।
वर्तमान नगर निगम को एक महीने में बनने वाले शौचालयों को बनाने में ही पूरे पांच साल लग गए तथा यादगार, लोअर टूटू,विजयनगर के शौचालयों का कार्य आज भी अधूरा है व ये कार्य भी अगले नगर निगम में ही सम्भव हो पाएंगे।