शिमला। राजधानी शिमला में नगर निगम कार्य अलॉट करने के लिए तीन टेंडर का होना अनिवार्य नहीं होगा नगर निगम के वित्त कमेटी की बैठक में शहर में विकास कार्यों की गति धीमी न हो इसके लिए सोमवार को हुई वित्त कमेटी ने फैसला लिया है जिसमें कार्यों के लिए तीन टेंडर की शर्त अनिवार्य नहीं होगी।
वित्त कमेटी की बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया था कि तीन की बजाय दो टेंडर आते हैं तो भी इन्हें मंजूरी दे दी जाए। नियमों के तहत किसी भी काम के लिए 3 टेंडर का होना अनिवार्य है। शहर में पिछले काफी समय से विकास कार्यों के लिए टेंडर भरने की संख्या कम आ रही है, जिसके चलते विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे।
आने वाले दिनों में चुनाव हैं, ऐसे में चुनावों से पहले सभी पार्षद विकास कार्य करवाना चाहते हैं। इसलिए तीन टेंडर की शर्त को हटा कर दो पर करने की तैयारी है। इस पर अंतिम फैसला नगर निगम की मासिक बैठक में लिया जाना प्रस्तावित है।
नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा इसमें निगम में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की दिहाड़ी पहली अप्रैल 2022 से बढ़ाने और डाटा ऑपरेटर को भी नया वेतन बढ़ा कर देने का फैसला लिया गया।
इससे निगम के 50 से ज्यादा कर्मचारियों को वित्तीय लाभ मिलेगा। नगर निगम की बैठक में समरहिल वार्ड के एमआई रोड से चायली तक सड़क बनाने के लिए 32 लाख 71 हजार की राशि को मंजूरी दे दी गई।
वहीं कुसुम्पटी में अनसेफ पटवार सर्कल को गिरा कर बनाने के लिए एक लाख 43 हजार की राशि मंजूर की गई। इसी तरह से टूटीकंडी में श्मशान घाट बनाने के लिए 11 लाख 56 हजार 400 रुपए की राशि भी मंजूर की गई है। बैठक में कमेटी के सदस्यों के साथ नगर निगम के अधिकारी में मौजूद रहे।
नगर निगम के महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि वित्त कमेटी की बैठक में शहर के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है जिसमें टूटीकंडी में श्मशान घाट बनाने के लिए 11 लाख की राशि मंजूर की गई है।
इसके अलावा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की दिहाड़ी एक अप्रैल 2022 से बढ़ाने और डाटा ऑपरेटर को नया वेतन देने का भी फैसला लिया गया है। इसके अलावा तीन टेंडर की शर्त को भी हटा दिया गया है।