शिमला। राजधानी शिमला में पानी का संकट बढ़ता जा रहा है लोगो को तीसरे दिन पानी की सप्लाई दी जा रही है।
पानी की राशनिंग के चलते होटल व्यवसायियों को आने वाले समर सीजन पर इसका असर पड़ने का डर सताने लगा है। वही होटल व्यवसायी सरकार से पानी समय पर देने की गुहार लगा रहे हैं।
होटल व्यवसाय पहले ही दो वर्षों से कोरोना के चलते मार झेलता आ रहा है। वहीं अब कोरोना के मामले कम होने के बाद पर्यटक काफी तादात में आने शुरू हो गए हैं। ऐसे में पानी का संकट गहराता है तो फिर से कारोबार चौपट हो सकता है।
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष माेहिंद्र सेठ ने कहा कि शहर में पानी की किल्लत चल रही है। पानी की सप्लाई तीन या चार दिन बाद दी जा रही है।
अभी तो टूरिस्ट सीजन शुरू भी नहीं हुआ है, होटलों में 30 से 40 फीसदी ऑक्यूपेंसी चल रही है अभी से होटलों को टैंकरों से पानी लेना पड़ रहा है। शिमला जल प्रबंधन निगम पानी की सप्लाई को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
सरकार ने अलग से जल प्रबंधन निगम इसीलिए बनाया था ताकि शिमला शहर को सचारू रूप से पानी की सप्लाई हो सके परंतु वही पुराने बहाने लगा कि पंप काम नहीं कर रहे, बिजली की सप्लाई नहीं मिल रही, प्रेशर की समस्या आ रही है।
इसी तरह पानी की सप्लाई करने में असफल होता नजर आ रहा है। लोगों के मन में यह धारणा गलत है कि होटल वालों को अलग से कोई वाटर सप्लाई दी जाती है।
होटलों को भी पानी तब आता है, जब शहर के इलाकों में पानी की सप्लाई खुलती है। उन्होंने कहा कि शिमला के होटल व्यवसायी से समूचे प्रदेश के शहरों से छः सौ से सात सौ गुनापानी का रेट वसूला जाता है।
उसके बावजूद भी शिमला जल प्रबंधन निगम पानी की रेगुलर सप्लाई देने में विफल हो रहा है। उन्होंने सरकार से नियमित पानी की सप्लाई करने की मांग की।