शिमला। हिमाचल सरकार ने शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए क्लबिंग ऑफ स्टे का आर्डर जारी किया है।
आदेश में कहा गया है कि राज्य में कई स्थानों पर एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर पर्याप्त शैक्षणिक संस्थान स्थित हैं।
यह देखा गया है कि शिक्षा विभाग के कर्मचारी अक्सर नजदीकी संस्थानों में अपना स्थानांतरण कराने में सफल हो जाते हैं और इस तरह कई वर्षों तक कुछ किलोमीटर के दायरे में ही रहते हैं।
इसके अलावा, कार्मिक विभाग द्वारा ओएम के तहत जारी स्थानांतरण नीति/दिशानिर्देशों में स्थानांतरण के उद्देश्य से सेवाओं को क्लब करने/रहने का कोई प्रावधान नहीं है।
इससे होता यह है कि भले ही कर्मचारी कम दूरी पर स्थित विभिन्न स्टेशनों पर तीन साल से अधिक का सामान्य कार्यकाल पूरा करते हों, लेकिन यदि वे एक विशेष स्टेशन पर 3 साल से अधिक नहीं रहते हैं तो उनका कार्यकाल पूरा नहीं माना जाता है।
इस प्रकार वह कम दूरी के स्टेशनों पर लंबे समय तक तैनात रहने का प्रबंधन करते हैं जिसके परिणामस्वरूप दूर-दराज के क्षेत्रों में रिक्तियां हो जाती हैं।
इससे दूर-दराज के इलाकों में तैनात कर्मचारी कस्बों और आसपास के स्टेशनों में सेवा करने के अवसर से भी वंचित हो जाते हैं।
मामले पर विचार करने के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि शिक्षा विभाग के कर्मचारियों द्वारा 30 किलोमीटर के दायरे में प्रदान की गई निरंतर सेवाओं को एक स्टेशन पर प्रवास/कार्यकाल माना जाएगा और स्थानांतरण के उद्देश्य से कार्यकाल की गणना के लिए ऐसी सेवाओं को क्लब किया जाएगा।
30 किलोमीटर के दायरे में दी गयी सेवाएं अब एक कार्यकाल माना जायेगा।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर द्वारा इस बाबत आदेश जारी कर दिए गए हैं।