शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हमीरपुर जिले के औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी में विद्यार्थियों के साथ संवाद किया और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री ने कॉलेज के बॉयज हॉस्टल के लिए दो करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बागवानी क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है।
पर्यटन और नवीनीकरण ऊर्जा क्षेत्र के बाद बागवानी और कृषि सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिनसे किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘गांव के लोगों के हाथ में पैसा जाना चाहिए, इसीलिए वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई प्रावधान किये हैं।’’
ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप नए पाठ्यक्रम शुरू किये जाने चाहिए और विश्वविद्यालय को बायो-इन्फॉर्ममेटिक्स का पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार बागवानी क्षेत्र में विशेषज्ञों के पद भरेगी, क्योंकि इस क्षेत्र से जुड़ी अनेक परियोजनाएं कार्यान्वित की जाने वाली हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है और इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकारी विभागों को इलेक्ट्रिक वाहन प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नालागढ़ में ऑयल इंडिया कम्पनी के सहयोग के साथ एक मेगावाट क्षमता का ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट लगाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जिला ऊना के पेखूबेला में 32 मेगावाट क्षमता की सौर बिजली परियोजना रिकॉर्ड चार महीने में बनकर तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को खराब वित्तीय व्यवस्था पिछली सरकार से विरासत में मिली। उन्होंने कहा, ‘‘हमने तय किया कि रूटीन की सरकार नहीं चल सकती, कर्ज कल्चर को बंद करना पड़ेगा। नहीं तो युवा पीढ़ी को क्या सौंप कर जाएंगे।
खराब वित्तीय हालात के बावजूद हमने 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी। कई बार समाज के कल्याण के लिए मुश्किल फैसले करने पड़ते हैं। हम हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमारी सरकार पूरी मेहनत कर रही है।’’
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला रही है, ताकि प्रदेश के लोगों को गुणात्मक सेवाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में भी कई क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं।
प्रदेश के 850 शिक्षण संस्थानों को इंस्टीटयूट ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहां पर स्मार्ट क्लास रूम, ऑडियो-वीडियो विजुअल टीचिंग जैसी सुविधाएं होंगी।
पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है तथा शैक्षणिक संस्थानों में आवश्यकता के आधार पर भविष्योन्मुखी पाठयक्रम शुरू किए जा रहे हैं, ताकि विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों तथा अन्य स्टाफ के 462 पद और आईजीएमसी शिमला व अटल मेडिकल सुपर स्पेशिएलिटि संस्थान चमियाणा में विभिन्न श्रेणियों के 489 पद भरे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती से तैयार की गई गेहूं और मक्की की फसल क्रमशः 40 रूपये और 30 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदी जाएगी। गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 32 से बढ़ाकर 45 और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 47 से बढ़ाकर 55 रुपये किया गया है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विद्यार्थियों को जीवन में सफलता के लिए कड़ी मेहनत करने का मंत्र दिया। उन्होंने कहा ‘‘मैं आपकी ही तरह आम परिवार से निकल कर मुख्यमंत्री के पद पर पहंुचा हूं।
छात्र जीवन से ही मन में हमेशा सेवा करने की इच्छा रही और उसी दिशा में कार्य किया। आप भी कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति से कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।’’
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की दो पुस्तकें ‘बेसिक तकनीक ऑफ माइक्रो प्रोपोगेशन एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी’ तथा ‘अमरूद के मूल्यवर्धित उत्पाद’ का विमोचन भी किया।