हिमाचल सरकार ने सहकारी क्षेत्र में शुरू की 40 नई योजनाएं

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शिमला। प्रदेश के सहकारिता विभाग ने राज्य की प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के लिए नई पहल की हैं। इसके अन्तर्गत हिमाचल ने भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर, सहकारी क्षेत्र में लगभग 40 नई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का लक्ष्य राज्य के सहकारी क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना है।

इस योजना का उद्देश्य सहकारी समितियों के उपनियमों से लेकर व्यवसाय विविधीकरण तक की संपूर्ण संरचना में संशोधन करना है। इसके दृष्टिगत जन औषधि केंद्रों के रूप में शामिल प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद सस्ती दरों पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

राज्य में लगभग 50 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों ने जन औषधि केंद्र के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि सामान्य सेवा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर) योजना के रूप में यह समितियां लोकमित्र केंद्रों के रूप में कार्य करेंगी, जो ग्रामीणों कोे विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्र समयबद्ध और सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाएगी।

इन केंद्रों के माध्यम से टेली-लॉ और टेली-मेडिसिन जैसी विभिन्न सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

सहकारिता सचिव सी पालरासु ने आज यहां बताया कि कि प्रदेश में 80 से अधिक अधिक समितियां कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के लिए एलपीजी और पैट्रोल पंप खुदरा लाइसेंस भी खोले गए हैं।

पालमपुर की एक सोसायटी ने भी इस योजना के अन्तर्गत आवेदन किया है और अगले 10 दिनों के भीतर कई अन्य सोसायटी द्वारा आवेदन करने की उम्मीद है। राज्य में अधिकांश सभाओं द्वारा आदर्श उपनियमों को भी अपनाया गया है।

उन्होंने कहा कि विभाग प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को कम्प्यूटरीकृत करने की दिशा में कार्य कर रहा है। अगले 2 महीने के भीतर हार्डवेयर की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी और सभी चिन्हित सोसायटियों को उनके दैनिक कारोबार के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर उपलब्ध करवाएं जाएंगे।

उन्होंने कहा कि अनाज भंडारण कार्यक्रम में जिला ऊना की एक सोसायटी की पहचान की गई है और भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश में लगभग 1300 समितियां प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के रूप में कार्य कर रही हैं।

इसके अलावा राज्य के सभी जिलों में जिला सहकारी विकास समिति की बैठकें आयोजित की गई हैं जिसमें विभिन्न विभाग सहकारी क्षेत्र के विभिन्न मामलों को सुलझातेे हैं।

उन्होंने राज्य की सभी प्राथमिक समितियों से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी निर्यात समिति लिमिटेड, राष्ट्रीय सहकारी जैविक समिति लिमिटेड और भारतीय बीज सहकारी समिति की सदस्यता प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में आगे आने की अपील की है।

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