नेरवा क्षेत्र में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन को लेकर क्षेत्र के लोगों में खासा उत्साह

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नेरवा, नोविता सूद। नेरवा क्षेत्र में आज तक के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन को लेकर जहां क्षेत्र के लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है,वहीँ इसकी सफलता को लेकर आयोजकों ने युद्ध स्तर पर तैयारियां भी शुरू कर दी है।

बता दें कि नेरवा में होने वाले इस भव्य धार्मिक आयोजन में बरसाने वाली राधा जैसे भजन के रचयिता राधा रानी धाम वृन्दावन के प्रख्यात कथावाचक गौरव कृष्ण गोस्वामी अपनी ओजस्वी वाणी से मद्भागवत कथा की अमृत वर्षा करेंगे।

आयोजन को अभी एक हफ्ता बाकि है, परन्तु आयोजक इस आयोजन की भव्यता में कोई भी कमी नहीं रहना देना चाहते है । रविवार को अवकाश वाले दिन महामाई डुंडी मंदिर कमेटी, व्यापार मंडल नेरवा एवं दर्जनों स्थानीय लोगों ने आयोजन स्थल पर बैठक कर चल रही तैयारियों का निरिक्षण एवं समीक्षा की।

बैठक में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुरेंद्र तंगड़ाईक, व्यापार मंडल नेरवा के अध्यक्ष राजीव भिख्टा, भंडारा कमेटी के अध्यक्ष बलदेव तंगड़ाईक (शिष्टु), पंकज तंगड़ाईक, जगत चौहान, प्रदीप चौहान, राजू ज़िंटा, मोनू सूद, व्यापार मंडल एवं मंदिर कमेटी के सदस्यों सहित स्थानीय लोग एवं क्षेत्र के कई बुद्धिजीवी लोग उपस्थित रहे।

बैठक में आयोजन को सफल बनाने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई एवं बुद्धिजीवी लोगों से सुझाव लिए गए। आयोजन समिति ने समस्त क्षेत्रवासियों से आग्रह किया है कि मंगलवार को होने वाली बैठक में उपस्थित रहकर इस आयोजन को सफल बनाने में अपना सहयोग दें।

मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुरेंद्र एवं व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजीव ने बताया कि आयोजन को लेकर तीस मई मंगलवार को एक अहम् बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमे इस आयोजन में कार सेवा करने के इच्छुक भक्तों को उनके कार्य आबंटित किये जाएंगे।

क्षेत्र के सम्भवतया आज तक के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में रोजाना पांच हजार से अधिक लोगों के शिरकत करने की संभावना जताई जा रही है। आयोजन को लेकर पूरे क्षेत्र के लोगों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है तथा लोग इसमें बढ़ चढ़ कर अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।

आयोजन स्थल पर करीब दो हजार वर्ग मीटर का पंडाल बन कर तैयार हो गया है,जबकि इसके समीप ही शालवी नदी के तट पर एक हजार छोटे बड़े वाहनों के लिए पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है।

पांडाल के समीप ही सात दिन तक प्रतिदिन लगने वाले भंडारे के लिए एक विशाल रसोई एवं भंडारा स्थल का निर्माण भी किया जा रहा है।

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