प्रदेश सरकार ने हल किए कर्मचारियों के लगभग सभी मुद्दे : जय राम ठाकुर

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मंडी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने थुनाग में सराज के अधिकारियों एवं कर्मचारियों (सराज सर्व अधिकारी एवं कर्मचारी वर्ग) के अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कर्मचारी राज्य सरकार की रीढ़ हैं, क्योंकि वे न केवल सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि विकास का लाभ अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सदैव अपने कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं और महामारी के बावजूद कर्मचारियों से संबंधित अधिकांश मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट के बावजूद राज्य सरकार ने कर्मचारियों को पूर्ण वेतन, पेंशन और अन्य लाभ सुनिश्चित किए ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण की अवधि को तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष किया है तथा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण की अवधि में भी एक वर्ष की कटौती की है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि विपक्षी नेता ओपीएस के नाम पर प्रदेश के कर्मचारियों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने विपक्षी नेताओं से पूछा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने अपनी घोषणाओं के दस महीने बाद भी अपने राज्यों में ओपीएस लागू क्यों नहीं किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान जब भी देश में ओपीएस लागू होगी तो निश्चित रूप से प्रदेश में भी इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने राज्य के कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में विश्वास रखें और प्रधानमंत्री निश्चित रूप से उनकी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कंप्यूटर शिक्षकों तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है। राज्य सरकार ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश कौशल विकास और रोजगार निगम कंपनी गठित करने का निर्णय लिया है जो सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों आदि में कुशल, अर्द्ध-कुशल और अन्य मानव शक्ति की तैनाती सुनिश्चित करेगी।

उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी।

जय राम ठाकुर ने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 1 जनवरी, 2016 से संशोधित वेतनमान के बकाया की पहली किस्त जारी करने की घोषणा की थी। इससे राज्य के लगभग 2.25 लाख कर्मचारी और 1.90 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि दैनिक वेतनभोगियों की दिहाड़ी में 140 रुपये की वृद्धि की गई है। इन कर्मचारियों को वर्ष 2017 में 210 रुपये दिहाड़ी मिलती थी, जिसे प्रदेश सरकार ने बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के एक लाख से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को लाभान्वित करने के लिए एनपीएस में सरकार के योगदान को 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है।

इसके अलावा उन्हें ओपीएस कर्मचारियों के समान डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (डीसीआरजी) का लाभ प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रेच्युटी की ऊपरी सीमा भी 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्थानीय लोक गायक रमेश भारद्वाज द्वारा रचित एवं गाए गए लोकगीत का विमोचन भी किया।

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