शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन पैरालाइजेड नहीं है। मंत्री कुछ भी कहें पर कार्यकर्ता सक्षम हैं और अपने पैरों पर खड़े हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों में भाजपा सरकार को हटाकर कांग्रेस सत्ता में आई है। यह बात आज प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि उनके सामने महत्वपूर्ण मुद्दे हैं कि प्रदेश में सत्ता कैसे कायम रहेगी, सब लोग साथ मिल कर कैसे चलेंगे और संगठन कैसे मजबूत बनेगा। इसके लिए वह कार्य करेंगी।
बताते चले कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन के पुनर्गठन को लेकर मंथन तेज हो गया है। पार्टी की नव नियुक्त प्रभारी रजनी पाटिल इस प्रक्रिया का नेतृत्व कर रही हैं और पार्टी नेताओं से राजीव भवन में वन-टू-वन बैठक कर रही हैं।
इस बैठक का उद्देश्य राज्य में कांग्रेस संगठन को नई दिशा देना और मजबूती प्रदान करना है।
रजनी पाटिल ने इस अहम बैठक के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों, पार्टी के सह प्रभारी, कांग्रेस विधायकों , 2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी के सभी प्रत्याशियों और फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन प्रमुखों को आमंत्रित किया।
बैठक के दौरान, सभी नेताओं से संगठन की वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान रजनी पाटिल ने कहा कि बहुत जल्द कांग्रेस का नया संगठन तैयार कर लिया जाएगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार प्रतिकूल परिस्थितियों में बनी थी, इसलिए संगठन को केवल और अधिक मजबूती देने की जरूरत है।
हाल ही में हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री ने बयान दिया था कि कांग्रेस संगठन पूरी तरह से निष्क्रिय (पैरालाइज्ड) हो चुका है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रजनी पाटिल ने कहा,”संगठन पैरालाइज्ड नहीं है। हमारी सरकार कठिन परिस्थितियों में बनी है, और अब हमें इसे और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है।
संगठन को नई ऊर्जा देने के लिए हम सभी नेताओं से चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही पार्टी को नया स्वरूप दिया जाएगा।
रजनी पाटिल ने कहा कि वे सभी नेताओं से बातचीत के बाद एक रिपोर्ट तैयार करेंगी, जिसे पार्टी हाईकमान को सौंपा जाएगा। इसके बाद जल्द ही नए संगठन का गठन किया जाएगा।