शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की सांफिया फाउंडेशन को भारत की पहली थेरेपी आन व्हील बस को विश्व स्तरीय जीरो अवार्ड मिलना देश के लिए गौरव का क्षण है ।
सांफिया फ़ाउंडेशन के निदेशक श्रुति मोरे भारद्वाज को यह पुरस्कार भारतीय समय के अनुसार वीरवार रात 11 बजे यूनाइटेड नेशन कार्यालय ऑस्ट्रिया (वियना) में दिया गया ।
टीम जीरो प्रोजेक्ट द्वारा इस वर्ष विश्व के 30 देशों में से उन 76 प्रोजेक्टों को जीरो प्रोजेक्ट अवार्ड के लिए चयनीत किया गया था जो अनुकरणीय और अभिनव कार्य दिव्यांगता के क्षेत्र में कर रहे हैं। सांफिया फ़ाउंडेशन का उन में से एक होना बहुत बड़ी उपलब्धि है ।
बता दें कि जिला कुल्लू में सांफिआ फाउंडेशन द्वारा आश बाल विकास केंद्र के नाम से अखाड़ा बाजार में दिव्यांग बच्चों को थेरेपी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है तथा इस संस्था द्वारा वर्ष 2021 में थेरेपी ऑन व्हील्स नामक एक प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।
इसके तहत पिछले 1 वर्षों से जिला कुल्लू के उन दिव्यांग बच्चों को उनके घर द्वार जाकर थेरेपी सेवाएं मुहैया कराई जा रही है जो किसी कारणवश आश बाल विकास केंद्र में नहीं आ सकते।
थैरेपी ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट जब से सामने आया है, ये अपनी तकनीकी सुविधाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना है क्योंकि ये भारत देश का पहला ऐसा प्रोजेक्ट जिसमें एक गाड़ी के अंदर ही दिव्यांग जनों को थेरपी सेवाएं दी जाती हैं जो सुविधाएँ आमतौर पर किसी केंद्र में ही संभव होती हैं।
आपको बता दें कि थेरपी ऑन व्हील्स इरेडा (इंडियन रिन्यूएबल डेवलपमेंट एजेंसी नई दिल्ली ) द्वारा प्रदान की गयी है, जिसके अंदर ट्रेड मिल, थेरपी बॉल, पोजिशनिंग ब्लॉक्स, थेरपी टॉयज, बुक्स, फ़्लैश कार्ड्स, फ़िजिओथेरपी, स्पीच थेरपी एवं ऑक्यूपेशनल थेरपी सबंधी इक्विपमेंट एवं फर्स्ट ऐड जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।