शिमला। सोमवार को मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ एसएएमडीसीओटी, आईजीएमसी शिमला के कार्यकारी सदस्यों ने आईजीएमसी और राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी सदस्यों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की।
एसएएमडीसीओटी ( SAMDCOT ) के प्रैस सचिव डॉ मनीष गुप्ता ने बताया कि आईजीएमसी और राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी सदस्यों के विभिन्न मुद्दों को मुख्यमंत्री के समक्ष लाया गया।
गैर-अभ्यास भत्ता (एनपीए) समायोजन :
डॉ मनीष ने बताया कि मुख्यमंत्री ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त सहायक प्रोफेसरों के लिए एनपीए में असमानता को स्वीकार किया और कहा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, जो चिकित्सा अधिकारियों के रूप में पहले एनपीए प्राप्त करने वालों के लिए समानता सुनिश्चित करता है।
अध्ययन अवकाश वेतन समायोजन :
डॉ गुप्ता ने बताया कि एमडी, एमएस, डीएम, या एमसीएच जैसी उन्नत डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टरों के लिए अध्ययन अवकाश के दौरान केवल 40 प्रतिशत वेतन मिलने की वर्तमान शर्त को माफ करने के लिए सीएम से आग्रह किया गया जिससे वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे और अपनी विशेषज्ञता बढ़ा सकेंगे।
मानकीकृत अवकाश पात्रता :
डॉ गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि फैकल्टी को प्रति वर्ष 45 दिनों का अवकाश मिलना चाहिए जैसे देश भर के अन्य चिकित्सा संस्थानों में दिया जाता है जिसका उद्देश्य संकाय सदस्यों के लिए कार्य- जीवन संतुलन में सुधार करना है।
डॉ गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।