वेतन में अनियमितताओं को लेकर एचआरटीसी कर्मियों का सरकार को अल्टीमेटम, 1 तारीख को मिले वेतन नहीं तो थमेंगे पहिए

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शिमला। 2011 के सैंसस के मुताबिक हिमाचल प्रदेश की लगभग 89.97 फ़ीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम की बसें गांव में बसी इस बड़ी आबादी की शहरों तक आवाजाही का सबसे बड़ा जरिया है।

लेकिन एचआरटीसी कर्मचारी वेतन में अनियमितताओं को लेकर परेशान हैं। इसको लेकर एचआरटीसी कर्मियों की ओर से प्रेस वार्ता की गई जिसमें उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर अगले महीने से कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिला तो एचआरटीसी कर्मचारी परिवहन परिवहन व्यवस्था को बंद करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

एचआरटीसी चालक यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ने कहा कि महीने की 10 तारीख होने को आई है लेकिन अभी तक एचआरटीसी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है।

इसके अलावा एचआरटीसी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए कहा कि पिछले 40 महीनों से एचआरटीसी कर्मचारियों को मिलने वाला नाइट ओवरटाइम भी नहीं दिया गया है।

मान सिंह ने बताया कि चालकों को 130 रुपए ओवरटाइम नाईट के तौर पर दिया जाता था हालांकि इसमें गुजारा नहीं होता है लेकिन पिछले 40 महीनों से यह राशि भी अब तक कर्मचारियों को नहीं दी गई है।

मान सिंह ने बताया कि एचआरटीसी कर्मचारियों की मांग है कि हर महीने 1 तारीख को कर्मचारियों को वेतन दिया जाए और इसके अलावा पेंडिंग पड़े नाइट ओवरटाइम की राशि भी कर्मचारियों को दी जाए।

मानसिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने वक्त पर कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया तो एचआरटीसी कर्मचारी यातायात व्यवस्था बंद करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।

मान सिंह ने बताया कि हमने सरकार से मिलने की भी कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें मिलने का वक्त भी नहीं दिया।

इसके अलावा मान सिंह ने बताया कि कर्मचारियों ने उप मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की। हालांकि उन्होंने एक बार वक्त दिया तो भी घंटों तक कर्मचारियों को बिठा कर रखा गया।

मानसिंह ने एचआरटीसी के घाटे में जाने पर कहा कि इस के लिए चालक और परिचालक जिम्मेवार नहीं हैं।

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