साढ़े पांच माह बाद फिर शुरू हुई चूड़धार यात्रा, शिरगुल महाराज और भोले के जयकारों के साथ पंहुचने लगे सैंकड़ों श्रद्धालु

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नेरवा, नोविता सूद। 15 नवंबर को चूड़धार स्थित शिरगुल देवता मंदिर के कपाट बंद होने बाद थमी चूड़धार यात्रा एक मई से फिर से शुरू हो चुकी है। हालाँकि इस धार्मिक यात्रा ने अभी पूरी रफ़्तार नहीं पकड़ी है, फिर भी प्रतिदिन सैंकड़ों श्रद्धालु देवता शिरगुल और भोले शंकर के जयकारों के बीच चूड़धार पंहुच रहे हैं।

उल्लेकनिय है कि जिला शिमला और सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित भगवान् शंकर और चोटी के आँचल में विराजमान देवता शिरगुल महाराज में पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के जौनसार बाबर एवं जिला शिमला के अलावा सिरमौर और सोलन के लाखों लोगों की अगाध आस्था है।

इसी आस्था के चलते इन क्षेत्रों के हजारों लोग प्रतीदिन अपने आराध्य देवों के दर्शनों के लिए पंहुचते हैं। मई से नवंबर महीने तक श्रद्धालुओं की प्रतिदिन हाज़िरी पांच हजार से भी अधिक रहती है।

इसके आलावा मैदानी इलाकों से भी सैंकड़ों पर्यटक गर्मी से राहत की तलाश में चूड़धार पंहुचते हैं। अभी मौसम की परिस्थितियों की वजह से महज सैंकड़ों श्रद्धालु ही चूड़धार पंहुच रहे है।

उधर, चूड़धार यात्रा शुरू होते ही प्रशासन ने भी यात्रियों की सुविधाओं के लिए कमर कस ली है। मंदिर के सभी सराय भवनों और शौचालयों आदि की साफ़ सफाई कर दी गई है तथा यात्रियों के रात्रि विश्राम के लिए पर्याप्त कंबलों की भी व्यवस्था कर ली गई है।

हालाँकि चूड़धार पंहुचने वाले श्रद्धालुओं के लिए अभी निजी ढाबों में ही खाने पीने की व्यवस्था है,परन्तु प्रशासन का दावा है कि जल्दी ही कमेटी की कैंटीन शुरू कर उसमे यात्रियों के लिए भोजन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था कर दी जाएगी।

चूड़ेश्वर सेवा समिति द्वारा हर साल 15 मई से दोनों टाइम लंगर की व्यवस्था भी की जाती है। लंगर के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है एवं साफ़ सफाई का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

मंदिर कमेटी के चेयरमैन एसडीएम चौपाल चेत सिंह ने बताया कि एक मई से यात्रा पर लगी प्रशासनिक रोक को हटा दिया गया है तथा दस मई से पहले कमेटी की कैंटीन शुरू कर उसमे यात्रियों के लिए भोजन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था कर दी जाएगी।

उन्होंने समस्त दानी सज्जनों से आग्रह किया है कि इस कार्य के लिए बढ़ चढ़ कर योगदान दें ताकि चूड़धार में चूड़धार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कमेटी द्वार और अधिक सुविधाएं जुटाई जा सकें।

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