नेरवा, नोविता सूद। हिमाचल प्रदेश में शिमला के छराबड़ा स्थित राष्ट्रपति निवास रिट्रीट में देश के राष्ट्रपति के लिए पहला सेब का बागीचा तैयार किया जा रहा है । सरकार द्वारा इस बगीचे को तैयार करने का कार्य रोहड़ू क्षेत्र से सम्बन्ध रखने वाले गाँव बराल, डाकघर झडग निवासी प्रगतिशील किसान सुरेश कुमार उर्फ़ डिंपल पांजटा को सौंपा गया है।
बता दें कि डिंपल पांजटा इस समय यशवंत सिंह परमार वानिकी एवं बागवानी विश्विद्यालय नौणी ( सोलन ) में बतौर बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट के सदस्य के रूप में सेवायें दे रहे हैं। इसके अलावा वह बागवानी के क्षेत्र में कार्य कर रही गैर सरकारी संस्था हिमालयन सोसाइटी फॉर हॉर्टिकल्चर एंड एग्रीकल्चर डेवलपमेंट के अध्यक्ष तथा प्रगतिशील उत्पादक एवं समाजिक कार्य करने वाली जुब्बल फार्मलैण्डस प्रोड्यूसर्स कंपनी के संस्थापक सदस्य हैं।
बता दें कि डिंपल पांजटा पिछले पंद्रह सालों से बागवानी के क्षेत्र में समाजसेवा करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में जाकर बागवानों को निःशुल्क प्रशिक्षित कर रहे हैं। वह अब तक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के आलावा कश्मीर और उत्तराखंड में भी बागवानों को आधुनिक, जैविक एवं प्राकृतिक बागवानी के टिप्स दे चुके हैं।
उनके इस कार्य के लिए उन्हें भारत सरकार से एग्रिवीजन के पांचवें संस्करण में राष्ट्रिय अवार्ड भी मिल चुका है । अभी हाल ही में उन्हें उड़ीसा से भी सेब बागवानी का शिविर लगाने के लिए आमंत्रित किया गया है, जिसके लिए वह भुवनेश्वर के लिए रवाना हो चुके हैं।
उड़ीसा में भी सेब का पहला बागीचा लगाए जाने पर प्रयोग किया जा रहा है। पांजटा वहां पर सेब की बागवानी से जुड़ने के इच्छुक बागवानों को प्रशिक्षण देंगे।
एक निजी स्कूल के कार्यक्रम में शिरकत करने नेरवा आये डिंपल पांजटा ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि आज़ादी के बाद पहली बार देश के राष्ट्रपति के लिए सेब का बागीचा तैयार करने का कार्य 15 अक्टूबर 2021 से शुरू किया गया है तथा इसके छह साल में फल देने के लिए तैयार होने की उम्मीद है ।
उन्होंने कहा कि छराबड़ा काफी अधिक ऊंचाई पर स्थित है तथा यहां का मौसम काफी ठंडा रहता है,जिस वजह से यहां पर पौधे का विकास काफी धीमी गति से होने की संभावना है,परन्तु फिर भी इस बागीचे में छह साल में फल लगने की उम्मीद की जा सकती है।