हमीरपुर। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के चौथे दीक्षांत समारोह के दौरान 310 उपाधियां और 55 पदक प्रदान किए। समारोह में विश्वविद्यालय के 32 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 23 विद्यार्थियों को रजत पदक से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने सभी डिग्री धारकों को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें उन परिस्थितियों पर विचार करने की जरूरत है जिनमें उन्होंने डिग्री हासिल की है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए रूपरेखा तैयार करनी होगी। उन्होंने युवाओं से अलग तरह से सोचने और जोखिम उठाने की अपील की ताकि वे समृद्धि के पथ पर अग्रसर हो।
उन्होंने कहा कि जिस दिशा में हमारे युवा सोचेंगे, देश का भविष्य भी उसी के अनुसार निर्धारित होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर समाज में लक्ष्य हासिल करने वाला व्यक्ति वास्तव में एक सफल व्यक्ति है। इसलिए एक डिग्री के साथ जीवन में साहस भी महत्वपूर्ण है और अलग हटकर सोचने से साहस की भावना विकसित की जा सकती है।
उन्होंने युवाओं से समाज की बेहतरी के लिए काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यवसाय अच्छा या बुरा नहीं होता है, बल्कि आवश्यकता एक अच्छा इंसान बनने की है। उन्होंने डिग्री धारकों से पहले अच्छा इंसान बनने की अपील की और कहा कि इस विश्वास को अपने साथ बनाए रखने की आवश्यकता है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मी धर बेहरा ने कहा कि देश और समाज के प्रति कार्य करने के लिए धैर्य सर्वाेपरि है। उन्होंने विज्ञान को अध्यात्म से जोड़कर गीता के श्लोकों के माध्यम से युवाओं के लिए इनके महत्व का विश्लेषण किया।
उन्होंने युवाओं को जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान करते हुए कहा कि तटस्थ रहकर ही ज्ञान की प्राप्ति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सत्य सर्वाेपरि है और हमारा मुख्य उद्देश्य सत्य होना चाहिए और इसके लिए चरित्र में सुधार करना आवश्यक है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति शशि कुमार धीमान ने राज्यपाल का स्वागत कर उन्हें सम्मान किया तथा विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अन्तर्गत संस्थान में मल्टी एंट्री, मल्टी एक्जिट और बहु विषयक प्रणाली विकसित की गई है।
उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि विद्यार्थी समाज में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि संस्थान के माध्यम से स्वरोजगार को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया गया है। उन्होंने पदक विजेताओं और डिग्री धारकों को बधाई दी।