राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं पर दिया बल

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शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने जनजातीय क्षेत्रों में गुणात्मक शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में युवाओं के लिए रोजगार से संबंधित योजनाएं शुरू करने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के उत्पादों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

राज्यपाल ने राजभवन में प्रदेश के जनजातीय जिलों के विभिन्न विषयों को लेकर जनजातीय विकास एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में चंबा, लाहौल-स्पीति और किन्नौर के उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त काजा, आवासीय आयुक्त पांगी और एडीएम भरमौर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

बैठक में प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में सभी स्वीकृत मामलों में नौतोड़ भूमि के पट्टों के आवंटन एवं अनुवर्ती कार्यवाही, प्रवासी चरवाहों, चारागाहों, चोरी के मामलों और रास्ते के अधिकार से संबंधित समस्याओं सहित उनके समाधान पर भी चर्चा की गई।

इस अवसर पर राज्यपाल ने लाहौल-स्पीति जिले में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण किये जाने पर संतोष व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा की जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में कम से कम जिला स्तर पर विशेषज्ञों की तैनाती की जाए ताकि इन क्षेत्रों के लोगों को शिमला या अन्य जगहों की ओर न जाना पड़े।

उन्होंने स्वास्थ्य ढांचे के सुधार और आधुनिकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी एजेंसियों की सेवाएं ली जा सकती हैं, जो तकनीक के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा दें।

जनजातीय विकास विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में विकास कार्यों के बारे में प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत घणाहट्टी के निकट घरोग में जनजातीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण का मामला वन विभाग के पास लंबित है। उन्होंने अन्य विकास कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) डाॅ सविता शर्मा ने स्वीकृति के लिए लंबित भूमि आवंटन के लंबित मामलों की स्थिति के बारे में जानकारी दी।

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