शिमला। राज्य सरकार द्वारा प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए विभिन्न विकासात्मक परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं और एक ऐसी ही अनूठी पहल है प्रदेश भर में इंतकाल-राजस्व लोक अदालतों का आयोजन।
पहली बार 30 और 31 अक्तूबर, 2023 को आयोजित की गई इन इंतकाल-राजस्व लोक अदालतों का उद्देश्य लंबित इंतकाल और तकसीम के मामलों का मौके पर ही निपटारा कर आमजन को लाभान्वित करना है।
प्रदेश में पहली बार तहसील और उप-तहसील स्तर पर इस तरह की राजस्व लोक अदालतें आयोजित की जा रही हैं और यह अदालतें उन लोगों के लिए अत्यधिक फायदेमंद साबित हुई है, जो राजस्व सम्बंधी मामलों के समाधान के लिए राजस्व कार्यालय के लगातार चक्कर लगा रहे थे।
इन राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से अक्तूबर, 2023 से अब तक सरकार द्वारा आयोजित चार इंतकाल-राजस्व लोक अदालतों में रिकॉर्ड 89,091 इंतकाल और 6,029 तकसीम के लंबित मामलों का मौके पर ही समाधान किया जा चुका है।
इस नवीन पहल से समाज के सभी वर्गों से भरपूर समर्थन मिल रहा है क्योंकि उनके लंबित मामलों का घर-द्वार पर ही समाधान हो रहा है, जिससे उनके समय और धन दोनों की बचत हो रही है।
इन लोक अदालतों को मिल रहे समर्थन का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि अकेले जनवरी, 2024 में 23,159 इंतकाल व 1,958 तकसीम सम्बंधी मामलों का निपटारा किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार आम आदमी के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए भविष्य में भी विभिन्न नई योजनाओं को आरम्भ किया जाएगा। ‘‘पहली बार, लंबित राजस्व मामलों का समाधान करने के उद्देश्य से प्रदेश भर में इंतकाल-राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है।
ऐसी पहली अदालत अक्तूबर, 2023 में आयोजित की गई थी और इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि इन अदालतों का संचालन प्रत्येक माह के अंतिम दो दिनों में किया जाएगा।’’
आम जनता से मिल रहे समर्थन और लंबित मामलों के समाधान की दर को देखते हुए इंतकाल-राजस्व लोक अदालतों को नियमित रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।