नेरवा, नोबिता सूद। जम्मू कश्मीर के बारामूला के तारीपोरा और सुल्तानपोरा के जंगलों में एक आतंक मुठभेड़ में कुपवी क्षेत्र की मझौली पंचायत के गौंठ निवासी कुलभूषण, पुत्र प्रताप, आयु 26 वर्ष शहीद हो गया।
परिजनों से मिली सूचना के अनुसार सर्च अभियान के दौरान कुलभूषण की टांग में आतंकवादी द्वारा चलाई गई एक गोली लग गई थी जिसके बाद साथी उसे सेना के बारामूला अस्पताल लेकर गए।
इस दौरान अधिक रक्तस्त्राव की वजह से वह कोमा में चले गए एवं उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें तुरंत सेना के मुख्य अस्पताल श्रीनगर पंहुचाया गया।
अस्पताल में उपचार के दौरान कुलभूषण शहादत का जाम पीकर सदा के लिए अमर हो गए। बताया जा रहा है कि कुलभूषण के घायल होने की खबर मिलने पर उसके परिजन श्रीनगर को निकल चुके थे, परन्तु उन्हें चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर फ्लाइट से दो मिनट पूर्व ही उनकी शहादत की खबर मिल गई, जिसके बाद वह अपने घर को वापस लौट गए।
शहीद की पार्थिव देह को मोटर मार्ग से उनके पैतृक गाँव लाया जा रहा है एवं शनिवार सुबह तक घर पंहुचने की सम्भावना है । शनिवार को ही पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
कुलभूषण की एक साल पूर्व ही शादी हुई थी तथा उनका अढ़ाई माह का एक बेटा है। कुलभूषण की शहादत की खबर के बाद उनके पैतृक गाँव सहित पूरे कुपवी क्षेत्र सहित नेरवा और चौपाल में गम का माहौल है।
वहीँ कुलभूषण के मामा रमेश घालू एवं सुरेश रणाईक ने बताया कि कुलभूषण बहुत ही होनहार एवं मिलनसार युवक थे। उनकी कमी उनके परिवार के अलावा अन्य रिश्तेदारों के लिए भी कभी पूरी नहीं हो सकती है।
शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा । शहीद कुलभूषण अपने पीछे 25 वर्षीय पत्नी नीतू, अढ़ाई महीने का दुधमुँहाँ बेटा, पिता प्रताप, माता दुर्मा देवी, तीन बहने रेखा, किरण रजनी के अलावा ससुराल पक्ष एवं नानके सहित अन्य परिजनों को रोता बिलखता छोड़ गए हैं।
कुलभूषण की शहादत के बाद उनके ससुराल चइंजन और ननिहाल घाला में भी मातम का माहौल है ।