पूरा दिन मोबाइल न देखें, पढ़ने का समय निश्चित कर रोजाना कम से कम दो घण्टे जरूर पढ़ें : मुख्यमंत्री

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शिक्षा के स्तर में ला रहे गुणात्मक सुधार, डाटा आधारित शिक्षा पर सरकार दे रही बल

हमीरपुर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बच्चे आत्मविश्वास के साथ पढ़ाई करें, घबराएं नहीं। पढ़ाई करते समय कभी घबराहट नहीं होनी चाहिए। बच्चे पूरा दिन मोबाइल न देखें, पढ़ाई का समय निश्चित कर रोजाना कम से कम दो घंटे जरूर पढ़ें। सफलता और असफलता एक सिक्के के दो पहलू हैं। एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा खुलता है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को ये बातें त्रिशा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जोलसप्पड़ में स्वच्छता अभियान पर आधारित पत्रिका के विमोचन कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि पढ़ाई लग्न के साथ करें अवश्य सफलता मिलेगी।

प्रदेश सरकार शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार ला रही है। डाटा आधार शिक्षा पर बल दिया जा रहा है। अब प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा हो गई है। डाटा साइंस, डाटा लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का जमाना आ गया है। सरकार ने आईटीआई में ये कोर्स शुरू भी कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 महीने पहले जब हमारी सरकार बनी तो शिक्षा पर प्रेजेंटेशन में पाया कि गुणात्मक शिक्षा में प्रदेश काफी पिछड़ गया है। शिक्षा का विस्तार तो हो रहा है, लेकिन आगे बढ़ने के बजाय लगातार पीछे जा रहे थे।

पांचवीं का बच्चा दूसरी की किताब नहीं पढ़ पा रहा। बच्चों में अंग्रेजी को लेकर भय है, इस विषय को वे बेहद कठिन मानते हैं। इसे देखते हुए हमारी सरकार वर्तमान सत्र से सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम शुरू करने जा रही है। बजट का प्रावधान कर दिया है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक आत्मविश्वास से और लबरेज हों, उसके लिए सरकार शिक्षकों का विदेश में एक्सपोजर टूर करा रही है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि डे बोर्डिंग स्कूल हर विधानसभा क्षेत्र में बना रहे हैं। हर स्कूल में 1000 बच्चे पढ़ेंगे। इन स्कूलों में हर तरह की सुविधा होगी। पत्रिका विमोचन कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना के साथ हुई।

त्रिशा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन एनके शर्मा ने मुख्यमंत्री को शॉल ओढ़ाकर, टोपी पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कॉलेज की ओर से नादौन ब्लॉक के 24 स्कूलों व आसपास के गांवों में 2 अक्टूबर 2023 से 17 नवंबर 2023 तक स्वच्छता अभियान चलाया गया था। उसकी रिपोर्ट के आधार पर यह पत्रिका तैयार की गई है।

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