प्रोटेम स्पीकर पहुंचे विधानसभा, जानें उनका जीवन परिचय

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शिमला। मंगलवार को सामयिक अध्यक्ष चन्द्र कुमार 11 बजकर 40 मिनट पर विधान सभा सचिवालय पहुंचे। गौरतलब है कि चन्द्र कुमार ने राज भवन में सामयिक अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी।चन्द्र कुमार के साथ उनके परिवार के सदस्य भी इस अवसर पर विधान सभा सचिवालय पहुंचे। इस अवसर पर विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा तथा विधान सभा के वरिष्ठ अधिकारियो ने उनका स्वागत किया।सामयिक अध्यक्ष ने जरूरी फाईलों का भी निपटारा किया। चन्द्र कुमार आगामी शीतकालीन सत्र मे 14वीं विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए सदस्यो को शपथ दिलाएगें।चंद्र कुमार का जीवन परिचयचन्द्र कुमार का जन्म 8 मई, 1944 को स्व बेली राम के घर ग्राम ढान, तहसील ज्वाली, जिला कांगड़ा में हुआ । उनके पिता एक कृषक थे। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा पंजाब व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से हासिल की। उन्होंने एमए, एमएड तथा बीए, एलएलबी तक की शिक्षा प्राप्त की है।राजनीति में प्रवेश करने से पूर्व वह शिमला स्थित सेंट बीटस कॉलेज में एक प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक के रूप में कार्यरत्त रहे तथा बाद में उन्होंने अपने पद से इस्तिफा दे दिया।चन्द्र कुमार विवाहित हैं तथा उनके एक पुत्र एवं पुत्री हैं । उनके पुत्र नीरज भारती दो बार विधान सभा के सदस्य रहे तथा हिमाचल प्रदेश सरकार में मुख्य संसदीय सचिव के पद पर भी रहे हैं ।चन्द्र कुमार क्रमश: वर्ष 1982, 1985, 1993, 1998 तथा 2003 में विधान सभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए हैं ।चन्द्र कुमार 1982 में एचआरटीसी के उपाध्यक्ष नामित किए गए। वह 1982 से 1985 तक स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और जन-सम्पर्क, उप-मंत्री, 14 अप्रैल, 1984 से मार्च, 1985 तक वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), मार्च 1985 से 1989 तक कृषि और कला, भाषा एवं संस्कृति व मत्स्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 1989 से 1990 सिंचाई, जन-स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा मंत्री तथा 1993 से 1998 और 6 मार्च, 2003 से 31 मई, 2004 तक वन मंत्री बने रहे।उन्होंने पहला चुनाव वर्ष 1977 में आजाद प्रत्याशी के रूप में लड़ा तथा 500 से भी कम मतों के अन्तर से चुनाव में पिछड़ गए । उसके पश्चात 1982 से आज तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता के रूप में विद्यमान हैं ।वह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष, महासचिव तथा उपाध्यक्ष जैसे उच्च पदों पर तैनात रहे हैं तथा कई वर्षों तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे हैं। वह आप वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं ।हिमाचल प्रदेश सरकार में वन मंत्री रहते उन्होंने सेबों की पेटियों के लिए वन कटान पर प्रतिबन्ध लगा दिया था तथा विकल्प के रूप में Popular तथा कार्टन बॉक्स को बागवानों को उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया जो आज भी बखूबी जारी है।उन्होंने वर्ष 2004 में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से 14वीं लोक सभा के लिए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा तथा तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री व पूर्व मुख्य मंत्री शान्ता कुमार को पराजित किया।उन्होंने अपने इस कार्यकाल में जिला कांगड़ा के कंदरोड़ी में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कारखाना स्थापित करवाया तथा धर्मशाला के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय को मंजूर करवाया। उन्होंने अपने इसी कार्यकाल में जिला कांगड़ा में National Fashion & Designing Institute स्थापित किया तथा UPA-1st सरकार में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल टांडा मैडिकल कॉलेज के लिए केन्द्र सरकार से 125 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करवाई ।उन्होंने इस कार्यकाल में रिकॉर्ड समय के भीतर कांगड़ा व पठानकोट को जोड़ने वाले चक्की ब्रिज का निर्माण करवाया। उन्होंने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय से राजीव गांधी विद्युतिकरण के तहत बिजली विभाग को 90 प्रतिशत अनुदान तथा 10 प्रतिशत लोन System Improvement हेतु मुहैया करवाया।उन्होंने UPA प्रथम 14वीं लोकसभा के कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण बिल जैसे Right to Food, Right to Health, Right to Employment (मनरेगा), Right to information तथा Right to Education को पारित करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।वह जिला कांगड़ा के ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा जिला कांगड़ा के आज भी वरिष्ठतम एवं कद्दावर नेता हैं । वह 8 दिसम्बर, 2022 को ज्वाली-9 निर्वाचन क्षेत्र से चौदहवीं विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए हैं।

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