प्रदेश में बढ़ती नशाखोरी को रोकना जिला परिषद का प्राथमिक दायित्व

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शिमला। प्रदेश में बढ़ती नशाखोरी को रोकना जिला परिषद का प्राथमिक दायित्व रहेगा ताकि युवाओं की शक्ति का साकारात्मक उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। यह विचार आज बचत भवन में जिला परिषद शिमला की वर्ष 2021-22 की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए चन्द्र प्रभा नेगी, अध्यक्ष जिला परिषद ने व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि जिला के साथ लगती अन्य प्रदेशों की सीमाओं पर नशे की आमद पर रोक लगाने के लिए सरकार के समक्ष प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त नशे के व्यापारियों के प्रति कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाए।

उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं के आस-पास पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए ताकि संस्थानों में नशे के कारोबार पर नकेल कसी जा सके। उन्होंने अन्य विभागों से भी इस संबंध में सहयोग की अपील की तथा स्वास्थ्य विभाग को जिला में इस संदर्भ में जागरूकता शिविर का आयोजन करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जिला में आवारा पशुओं की समस्या के लिए गौसदन के निर्माण तथा देखभाल के लिए जिला परिषद द्वारा कार्य किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए सदन के माध्यम से प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।

जिला के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों पर दुर्घटनाओं की सम्भावना है को चिन्हित कर सड़कों को ठीक करने के लिए विभाग को कहा जाएगा ताकि ब्लैक स्पाॅट को तुरन्त ठीक किया जा सके, जिससे लोगों की जानमाल की रक्षा हो सके।

बैठक में विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई तथा अधुरे व रूके कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने बताया कि जिला में कचरा प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके तहत जिला की 74 पंचायतों में कचरा प्रबंधन को सुचारू किया जा चुका है।

सदस्यों ने विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याओं को सदन में रखा तथा उचित निराकरण के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श किया गया।

चन्द्र प्रभा नेगी ने समस्त विभागीय अधिकारियों की बैठक में उपस्थिति दर्ज करवाने को कहा ताकि समस्याओं का निदान हो सके।

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