शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज गुजरात राज्य के आणंद में प्राकृतिक कृषि के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी वैबीनार के माध्यम से राजभवन शिमला से जुड़े।
प्राकृतिक कृषि के राष्ट्रीय सम्मेल में राजभवन में प्रगतिशील किसानों को आमंत्रित किया गया था, जो प्राकृतिक कृषि को अपना रहे हैं। राज्यपाल ने इन किसानों के साथ प्रधानमंत्री के अभिभाषण को सुना।
आर्लेकर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूर्ण रूप से प्राकृतिक कृषि राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुरूप हम संकल्प लें कि प्राकृतिक खेती को हम जन आंदोलन बनाएंगे और इस अमृत महोत्सव में हर पंचायत के कम से कम एक गांव को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लक्ष्य को पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने अभिभाषण में हिमाचल प्रदेश का नाम कई बार लिया क्योंकि प्राकृतिक कृषि की शुरूआत सबसे पहले हिमाचल से हुई इसलिए हमारी यह कोशिश रहनी चाहिए कि इस जहरमुक्त खेती को अपनाने की दिशा में हम सफलता हासिल करें।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहनी चाहिए कि वर्ष 2022 तक हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक कृषि राज्य के रूप में जाना जाए।
राज्यपाल ने किसानों से प्राकृतिक कृषि को लेकर उनके अनुभव सुने।
राज्यपाल के सचिव प्रियातु मंडल ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों को कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में अवगत करवाया।
इससे पूर्व, सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने राज्यपाल का स्वागत किया और हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक कृषि की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी और इस दिशा में किए जा रहे विभिन्न कार्यों से अगवत करवाया।