मण्डी में दूसरे राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक उच्चत्तर शिक्षा सर्व सुलभ बनाने की दिशा में कारगर कदम

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प्रदेश के 35 विधानसभा क्षेत्रों के हजारों छात्रों को घर-द्वार के समीप मिल सकेगी उच्च शिक्षा

हिमाचल। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के दूरदर्शी नेतृत्व में उच्चत्तर शिक्षा के विस्तार पर विशेष ध्यान दे रही है। उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों की स्थापना के साथ ही केंद्र सरकार से रूसा के माध्यम से प्राप्त अनुदान का समुचित उपयोग कर उच्च शिक्षण संस्थानों को आधुनिक सुविधाओं से संपन्न किया जा रहा है। मण्डी में दूसरे राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक उच्चत्तर शिक्षा सर्व सुलभ बनाने की दिशा में एक कारगर कदम साबित होगा।

हिमाचल प्रदेश के अस्तित्व में आने के पश्चात वर्ष 1970 में पहले राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना राजधानी शिमला में की गयी थी। इस विश्वविद्यालय ने उच्चत्तर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए हिमाचली प्रतिभा को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाई और यहां से निकल कर युवाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्यों की छाप छोड़ी।

इस विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा का उत्तरोत्तर विस्तार होता गया और शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई। नये महाविद्यालय प्रदेश में खोले गए। ऐसे में विश्वविद्यालय पर शैक्षणिक व प्रशासनिक बोझ बढ़ता जा रहा था और काफी समय से राज्य में सरकारी क्षेत्र में एक अन्य विश्वविद्यालय की जरूरत महसूस की जा रही थी।

निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से उच्चत्तर शिक्षा के प्रसार में काफी सहायता मिली, लेकिन दूसरे राज्य विश्वविद्यालय की आवश्यकता बनी रही।

वर्तमान प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में सत्ता संभालने के उपरांत मण्डी में शंकुल (क्लस्टर) विश्वविद्यालय की स्थापना कर प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों के युवाओं को घर के समीप उच्चत्तर शिक्षा की सुविधा की ओर पहला कदम बढ़ाया।

अब इस विश्वविद्यालय को विस्तार देते हुए प्रदेश के दूसरे राज्य विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया है। सरदार पटेल विश्वविद्यालय एक अप्रैल, 2022 को अस्तित्व में आया और 28 जून, 2022 को मुख्यमंत्री ने मण्डी में इसका विधिवत लोकार्पण किया।

सरदार पटेल विश्वविद्यालय, मण्डी के अंतर्गत पांच जिलों कांगड़ा, चम्बा, कुल्लू, लाहौल-स्पिति और मण्डी के 141 राजकीय एवं निजी महाविद्यालय आएंगे। इनमें 68 राजकीय महाविद्यालय, 36 बीएड कॉलेज व 8 संस्कृत महाविद्यालयों सहित अन्य महाविद्यालय शामिल हैं। शेष सात जिलों शिमला, हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, सिरमौर, सोलन एवं किन्नौर के 160 महाविद्यालय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के अधीन रहेंगे।

भौगोलिक दृष्टि से देखें तो चम्बा के पांगी-भरमौर से लेकर लाहौल-स्पिति के दूरदराज क्षेत्रों से युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने शिमला पहुंचने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। विशेष तौर पर लड़कियों को इतनी दूर शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजने में अभिभावक कई बार आनाकानी कर देते थे। अब मण्डी में विश्वविद्यालय की स्थापना से उनका सफर घटकर आधे से भी कम रह गया है।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला 33 विधानसभा क्षेत्रों के युवाओं को शिक्षा प्रदान करेगा। वहीं, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, मण्डी प्रदेश के 35 विधानसभा क्षेत्रों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को अपने छुटपुट शैक्षणिक कार्यों के लिए अब अधिक दूर नहीं जाना पड़ेगा। इससे उनके बहुमूल्य समय के साथ ही धन की भी बचत होगी।

दूसरे राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना से उच्चतर शिक्षा के विभिन्न विषयों में सीटों में भी बढ़ोतरी हुई है। सीमित सीटों या अन्य कारणों से दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर युवा अब उच्चतर शिक्षा के लिए नियमित कक्षाओं में प्रवेश ले सकेंगे।

इस विश्वविद्यालय में शिक्षक व गैर शिक्षक वर्ग के विभिन्न पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है, जिससे प्रदेश के उच्च शिक्षित युवाओं को रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध हुए हैं।

प्रारम्भ में सरदार पटेल विश्वविद्यालय मण्डी में 11 विषयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई है। इनमें एमए इतिहास व लोक प्रशासन, एमबीए, एमबीई, एमसीए, एमएससी बॉटनी, कैमिस्ट्री, एन्वायरमेंटल साइंस, फिजिक्स, जूलॉजी तथा एम.एससी. इंडस्ट्रियल कैमिस्ट्री शामिल हैं।

नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना के साथ ही प्रदेश सरकार मौजूदा शैक्षणिक ढांचे को सुदृढ़ करने की ओर भी विशेष ध्यान दे रही है। प्रदेश में उच्चत्तर शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान (रूसा) लागू किया गया है।

इसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा 231 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 176 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। वर्ष 2018-19 में भारत सरकार द्वारा 92 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए। इनमें 90 प्रतिशत केंद्रीय भाग एवं 10 प्रतिशत राज्य का भाग है।

इसमें से 20 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को अधोसंरचना अनुदान, 26 कॉलेजों को 52 करोड़ रुपये का अधोसंरचना अनुदान, एक नए मॉडल डिग्री कॉलेज को 12 करोड़ रुपये तथा दो अन्य डिग्री कॉलेजों को आदर्श कॉलेज बनाने के लिए 8 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।

प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से हिमाचल में उच्चत्तर शिक्षा के क्षेत्र में आशातीत विस्तार सुनिश्चित हुआ है। प्रदेश के मध्य में स्थित एवं उच्चत्तर शिक्षा में नित नए सोपान चढ़ रहे मण्डी जिला में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय नेरचौक के उपरांत अब प्रदेश के दूसरे राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना से यह सांस्कृतिक नगरी अब उच्चत्तर शिक्षा के मुख्य केन्द्र के रूप में उभर रही है।

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