शिमला। खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने कहा कि जिस पार्टी के मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से दिल्ली पेशी भुगतने के लिए जाते थे, वो फिजूलखर्ची को लेकर बीजेपी सरकार को ज्ञान न दे।
विक्रमादित्य सिंह और मुकेश अग्निहोत्री पर पलटवार करते हुए बलदेव तोमर ने कहा कि कांग्रेस के नेता हर समय लोन को लेकर बात करते हैं, लेकिन वो यह नहीं बताते कि 2017 में जब कांग्रेस सरकार की विदाई हुई तो हिमाचल प्रदेश पर 47 हज़ार करोड़ से ज्यादा का कर्जा छोड़ गए। वीरभद्र सरकार ने 2012 से लेकर 2017 तक रिकॉर्ड 28 हज़ार करोड़ से ज्यादा कर्ज लिया जबकि उस समय तो कोविड जैसी वैश्विक महामारी भी नहीं थी।
बलदेव तोमर ने मुकेश अग्निहोत्री, विक्रमादित्य और कांग्रेसी नेताओं से पूछा कि वो बताएं कि सामान्य परिस्थितियों में भी इतना ज्यादा लोन लेने के बाद भी कांग्रेस सरकार आम लोगों के लिए तो एक भी योजना नहीं चला सकी। फिर कांग्रेस ने पैसे कहां खर्च किए।
कांग्रेस सरकार के समय न तो आम जनता के निशुल्क इलाज के लिए हिमकेयर योजना थी और न ही सहारा। कांग्रेस सरकार में निशुल्क गैस कनेक्शन देने के लिए न तो गृहिणी सुविधा योजना और न ही युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वावलंबन योजना।
खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय केवल 4 लाख 13 हज़ार लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाती थी और केवल 450 करोड़ ही खर्च होते थे।
आज जयराम सरकार में 7 लाख 20 हज़ार 500 लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है और हर साल 1300 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या आम लोगों की सामाजिक सुरक्षा पर पैसे खर्च करना फिजूल खर्ची है।
बलदेव तोमर ने कहा कि वर्तमान बीजेपी में सरकार हिमकेयर, सहारा, गृहिणी सुविधा योजना, शगुन और स्वावलंबन जैसी योजनाओं पर 700 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुकी है और लाखों लोगों तक इसका लाभ पहुंचा है।
बलदेव ने कहा कि कांग्रेस बताए वो इतना भारी कर्ज लेने के बाद भी न तो आम लोगों के लिए कोई योजना चला सकी न ही कर्मचारियों के मुद्दे सुलझा सकी तो फिर पैसा आखिर गया कहां?
वर्तमान जयराम सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स को नया वेतनमान दिया। कांग्रेस सरकार के समय चले आ रहे कर्मचारियों के वेतन विसंगतियों के मामलों को हल किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में यदि हिम्मत है तो वो आंकड़ों के साथ बात करे कि उन्होंने अपनी सरकार के समय क्या काम किए।