शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन से हिमाचल प्रदेश पुलिस और राज्य आबाकारी विभाग के कानून प्रवर्तन अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए दो दिवसीय पारस्परिक क्षमता निर्माण पहल कार्यक्रम का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त राष्ट्र के ड्रग और क्राइम के दक्षिण एशिया कार्यालय नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल और पड़ोसी राज्य नशीली दवाओं की गम्भीर समस्या से जूझ रहे हैं और युवा तेजी से नशीली दवाओं की गिरफ्त में आ रहे हैं। इस समस्या से लड़ने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं और सरकारें अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, लेकिन स्वयंसेवी संस्थाओं और आम लोगों की भागीदारी से इस सामाजिक बुराई के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता है।
प्रदेश सरकार ने अपने विजन डाॅक्यूमेंट, 2017 के उद्देश्य की पूर्ति करते हुए इस बहु आयामी चुनौती को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशीली दवाओं से उत्पन्न चुनौतियों से पूरी तरह से निपटने के लिए हि.प्र. नशा निवारण बोर्ड के रूप में देश का पहला संस्थागत तंत्र गठित किया गया है। जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्ड ने सम्बन्धित एजेंसियों के प्रदर्शन के प्रभावी समन्यव और निगरानी के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं।
उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि राज्य ड्रग संबंधी अपराधों का पता लगाने और प्रदेश में जन जागरूकता उत्पन्न करने और नशीली दवाओं के उपचार और पुनर्वास सुविधाओं की स्थापना के अलावा भारी मात्रा में नशीली दवाओं को जब्त करने में अच्छा कार्य कर रहा है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि अधिकारी यूएनओडीसी से जुड़े व्यापक रूप से अनुभवी संकाय द्वारा प्रदान की जा रही जानकारी का पूरा लाभ उठाएंगे।
इससे पूर्व, दक्षिण एशिया में यूएनओडीसी के क्षेत्रीय प्रतिनिधि सर्गेई कपिनोस ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यूएनओडीसी को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्रों को ड्रग्स और ट्रैफिकिंग जैसे अपराधों से होने वाली समस्याओं और खतरों का सामना करने में सहायता प्रदान करने के लिए नियुक्त किया गया है।
नई दिल्ली में स्थित दक्षिण एशिया के लिए यूएनओडीसी का क्षेत्रीय कार्यालय छः देशों को कवर करता है और इन अपराधों से निपटने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि अभी, विशेष रूप से मादक पदार्थों की तस्करी के क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना बाकी है, जिससे देश के बहुत से क्षेत्र प्रभावित है।