राज्यपाल को ज्ञापन सौंप पंजाब में की राष्ट्रपति शासन की मांग
शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब में सुरक्षा चूक पर हिमाचल के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप सरकार में मंत्री सुरेश भारद्वाज, राम लाल मार्कण्डेय, राजीव सेजल, महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, महापौर सत्या कौंडल, मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, सचिव प्यार सिंह कंवर, ज़िला अध्यक्ष रवि मेहता, मंडल अध्यक्ष राजेश शारदा, दिनेश ठाकुर की उपस्थिति में ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा भारत के इतिहास में पंजाब की पुण्य भूमि पर कांग्रेस के खूनी इरादे नाकाम रहे, जो लोग कांग्रेस में प्रधानमंत्री से घृणा करते हैं, वो आज उनकी सुरक्षा को नाकाम करने के लिए प्रयासरत थे।
कश्यप ने कांग्रेस सरकार को पूरी तरह फेल करार दिया और कहा कि सुरक्षा में कमी को जानते हुए भी पंजाब पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
कश्यप ने कहा कि जानबूझकर प्रधानमंत्री मोदी के सुरक्षा दस्ते को झूठ बोल गया? जिन लोगों ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को भंग किया, उन लोगों को प्रधानमंत्री की गाड़ी के पास तक किसने और कैसे पहुंचाया?
वहीं, उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा का नेतृत्व करने वालों ने पीएम को सुरक्षित करने के किसी भी आह्वान या प्रयासों का जवाब क्यों नहीं दिया? इस पूरे मामले पर सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब के फिरोजपुर में एक जनसभा को सम्बोधित करना था परन्तु वे सभा स्थल तक नहीं पहुंच सके, क्योंकि रास्ते में पंजाब सरकार द्वारा संरक्षित उपद्रवियों एवं तथाकथित किसान संगठनो ने सुनियोजित ढंग से रास्ते को अवरूद्ध किया हुआ था जिसके कारण प्रधानमंत्री को लगभग 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रूकना पड़ा जोकि उनकी सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक एवं उनके खिलाफ सोची समझी साजिश का स्पष्ट प्रमाण है।
देश के इतिहास में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक अब से पहले कहीं पर भी और कभी भी नहीं देखी गई है।
पंजाब राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उनकी सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी परन्तु पंजाब राज्य की कांग्रेस सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में पूरी तरह नाकाम रही जिसके कारण प्रधानमंत्री की जान जोखिम में पड़ गई।
कई महत्वपूर्ण तथ्यों एवं दस्तावेजों से यह बात सामने आई है कि यह कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही है जोकि उनके केन्द्रीय नेतृत्व के ईशारे पर हुई है। इससे पूर्व भी भारत ने दो पूर्व प्रधानमंत्री सुरक्षा व्यवस्था में चूक के कारण खोए हैं और पंजाब की कांग्रेस सरकार की जानबूझकर की गई इस लापरवाही के कारण एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री की जान को खतरा पैदा हो गया था।
कांग्रेस सरकार की इस घोर लापरवाही की पूरे राष्ट्र में पूरजोर निंदा हो रही है और लोगों में आक्रोश है कि कैसे कोई सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कर सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा यह दिन इतिहास में काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा जब कांग्रेस के खूनी मंसूबे पंजाब की पवित्र भूमि पर विफल हो गए। देश ने आज तक न तो आतंकवाद के सबसे बुरे दौर में और न ही आतंक प्रभावित क्षेत्रो में ऐसी स्थिति का सामना किया है।
भारत के इतिहास में किसी भी राज्य के पुलिस बल को प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को पटरी से उतारने के निर्देश नहीं दिए गए थे और न ही किसी राज्य सरकार ने देश के प्रधानमंत्री को चोट पहुंचाने की साजिश रची थी।
यह जो कुछ भी हुआ सोची समझी साजिश के तहत हुआ है। प्रधानमंत्री के काफिले के रूट की पूरी सुरक्षा व्यवस्था पंजाब पुलिस द्वारा की गई थी और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार भी थी।
पंजाब पुलिस ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा अधिकारियों को भी आश्वस्त किया था कि मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित है। फिर पंजाब पुलिस के डीजीपी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम को रास्ते के बारे में झूठी जानकारी एवं आश्वासन क्यों दिया और किसके कहने पर दिया, यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है।
जयराम ठाकुर ने कहा हम सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एक सैट प्रोटोकाॅल होता है जिसके तहत प्रत्येक राज्य सरकार सुरक्षा के इंतजाम करती है।
परन्तु पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकाॅल के साथ मजाक किया है। प्रोटोकाॅल के तहत मुख्यमंत्री, सरकार के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को प्रधानमंत्री की अगुवानी के लिए ऐयरपोर्ट पर उपस्थित रहना था, परन्तु ऐसा नहीं हुआ।
जब प्रधानमंत्री का काफिला बठिंडा ऐयरपोर्ट से सभा स्थल की ओर रवाना हुआ तो उनके तय रूट पर सरकार के संरक्षण में चल रहे धरना-प्रदर्शन के कारण एक फ्लाईओवर पर उनका काफिला रोकना पड़ा।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई इस भारी चूक को लेकर जब प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने इस बारे पंजाब सरकार में उच्च अधिकारियों से सम्पर्क करना चाहा तो पंजाब मुख्यमंत्री कार्यालय ने बात ही नहीं की, जिससे साबित होता है कि इस पूरे घटनाक्रम में पंजाब सरकार की मिलीभगत थी।
गौरतलब है कि जिस जगह प्रधानमंत्री का काफिला रूका था वह क्षेत्र पाकिस्तान की फायरिंग रेंज में आता है। पंजाब की बेहद अक्षम और गैर जिम्मेदाराना सरकार की लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री की जान खतरे में पड़ गई।
यह तो देश के करोड़ो देशवासियों की दुआएं हैं कि आज देश के प्रधानमंत्री हम सबके बीच सही सलामत हैं अन्यथा देश किसी भयंकर मुसीबत में आ सकता था।
इससे अधिक शर्मनाक और निंदनीय बात क्या हो सकती है कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी सरकार की लापरवाही को नजरअंदाज कर रहे हैं और इस घटना पर अमर्यादित टिप्पणियां एवं गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।
जयराम ने कहा पंजाब में अराजकता का माहौल है। पंजाब में हर साजिश की जड़ में कांग्रेस का हाथ है, आतंकवाद और अलगाववाद की जन्मदाता भी कांग्रेस ही है।
ऐसी अक्षम, लापरवाह, गैर जिम्मेदार और अकर्मण्य सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।
ऐसी सरकार राष्ट्र एवं राज्य के लिए घातक हो सकती है इसलिए इस ज्ञापन के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश आग्रह करती है कि पंजाब सरकार के इस कृत्य की उच्च स्तरीय जांच की जाए तथा दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्यवाही की जाए और वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए ताकि राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे और भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही की ना हो सके।