शिमला। शहर में सरकार ने पानी की दरों में 10 फीसदी की बढ़ोरी की मंजूरी दे दी है और अब लोगों को शहर में पीने का पानी महंगा मिलेगा।
वहीं सरकार के इस फैसले से भाजपा भड़क गई है और सरकार को पानी के दामों में की गई वृद्धि के फैसले को वापस लेने की सलाह दी है। यदि सरकार पानी में की गई बढ़ोतरी के फैसले को वापिस नही लेती है तो भाजपा सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन शुरू करेगी।
भाजपा के कोषाध्यक्ष और शिमला शहरी से उम्मीदवार रहे संजय सूद ने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकाल के 3 साल में शिमला में पानी के दामों में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की।
भाजपा शहर की जनता पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहती थी जिसके चलते पानी के दाम नही बढ़ाए गए। वहीं अब जब नगर निगम नहीं है, ऐसे में सरकार ने रेट बढ़ाकर जनता पर बोझ डालने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि चुनावों के समय कांग्रेस ने प्रदेश की जनता को गारंटी दी थी, वह तो पूरी नहीं कर रहे हैं। उल्टा सरकार जनता की जेब खाली करने में लगी है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने सरकार को पानी की दरों के बढ़ाने के फैसले को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की सलाह दी और इस पर दोबारा से विचार करे। यदि सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो भाजपा सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी।
बता दें जल प्रबंधन निगम द्वारा हर साल 10 फीसदी पानी की दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है लेकिन पिछले 3 सालों से शिमला में पानी की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई।
वहीं जल प्रबंधन निगम द्वारा सरकार को इस बार 10 फीसदी पानी की दरों में वृद्धि करने का प्रस्ताव भेजा था जिस पर सरकार ने मंजूरी दे दी है और 24 जनवरी से ही शहर में इन बढ़ी हुई दरों के हिसाब से ही पानी के बिल लोगों से वसूले जाएंगे।