पांचवां ओकार्ड साहित्य सम्मान डॉ देवेन्द्र गुप्ता को, सांसद प्रतिभा सिंह ने किया सम्मानित

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शिमला। वर्ष 2023 का ओकार्ड साहित्य सम्मान हिन्दी के जानेमाने साहित्यकार और सेतु साहित्यिक पत्रिका के संपादक डॉ देवेन्द्र गुप्ता को आज शिमला में एक भव्य समारोह में सांसद व कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के कर कमलों से दिया गया।

सम्मान स्वरूप डाॅ गुप्ता को शाल, टोपी, प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। समारोह की अध्यक्षता दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल द्वारा की गई। मंच पर प्रख्यात कथाकार एस आर हरनोट भी विराजमान रहे।

इस मौके पर बोलते हुए सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि जहां एक ओर ओकार्ड इंडिया ने पुस्तक मेले का आयोजन किया तो दूसरी ओर सराहनीय काम यह किया कि वे हिमाचल के लेखकों को सम्मानित कर रहे हैं।

ओकार्ड इंडिया ने देवेंद्र गुप्ता की साहित्यिक और सांस्कृति रुचियों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2023 का सम्मान उन्हें हिंदी आलोचना और संपादन के लिए दिया। प्रतिभा सिंह ने प्रसन्नता जताई कि यह पहली बार हुआ है कि हमारी पार्टी के मेनोफेस्टो में जहां नगर निगम के वार्डों में पुस्तकालय और बुक कैफे खोलने की बात की गई है वहां शिमला में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन भी शामिल है।

उन्होंने संतोष जाहिर करते हुए कहा कि आज इस संकल्प को हम ओकार्ड इंडिया व नगर निगम शिमला के साथ मिलकर पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम प्रतिवर्ष ओकार्ड इंडिया के साथ मिल कर पुस्तक मेले आयोजित करेगा।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए नरेश कौशल ने डॉ गुप्ता को बधाई देते हुए ओकार्ड इंडिया की सराहना की कि उन्होंने पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ साथ लेखकों के सम्मान को भी सर्वोपरि रखा है।

ओकार्ड इंडिया के निदेशक राकेश गुप्ता ने अपनी संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि डॉ गुप्ता को संस्था द्वारा पांचवां ओकार्ड साहित्य सम्मान दिया गया हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार और नगर निगम का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

लेखकीय वक्तव्य देते हुए डॉ देवेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सत्ता की एक संस्कृति होती है तो संस्कृति , साहित्य की भी अपनी एक सत्ता होती हैं। राजनीति बिना सामाजिक सरोकारों के नहीं हो सकती है।

साहित्यकार के भी वहीं सामाजिक सरोकार होते है। देखना यह है कि आज साहित्यकार कितनी निर्भीकता के साथ अपने लेखन के माध्यम से समाज मे हाशिये पर खडे लोगों के जीवन में बदलाव ला पाते हैं।

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