केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आईएमएफ-विश्व बैंक की वसंतकालीन वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए यूएसए की आधिकारिक यात्रा पर होंगी रवाना

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विभिन्न देशों के साथ निवेशक और द्विपक्षीय बैठकों के अलावा, जी 20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठकों में भी लेंगी भाग

दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण 10 अप्रैल से यूएसए की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगी। यात्रा के दौरान सीतारमण विश्व बैंक समूह (डब्ल्यूबीजी) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की 2023 वसंतकालीन बैठकों में भाग लेंगी, साथ ही वे जी 20 बैठकों, निवेशक/द्विपक्षीय बैठकों और अन्य संबंधित बैठकों में भी शामिल होंगी।

ये बैठकें 10 अप्रैल से 16 अप्रैल तक वाशिंगटन डीसी स्थित डब्ल्यूबीजी और आईएमएफ मुख्यालय में आयोजित की जायेंगी। वसंतकालीन बैठकों में दुनिया भर के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर भाग लेंगे।

भारतीय वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री करेंगी और इसमें वित्त मंत्रालय और आरबीआई के अधिकारी शामिल होंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्री के प्रमुख कार्यक्रमों में निम्नलिखित शामिल होंगे:

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष-विश्व बैंक की वसंतकालीन बैठकें;
भारत की जी20 अध्यक्षता और जी20 से संबंधित सह-कार्यक्रमों के अंतर्गत दूसरी जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक की मेजबानी करना।

विश्व बैंक विकास समिति और आईएमएफ समिति के पूर्ण सत्र।

विश्व के अर्थशास्त्रियों और थिंक-टैंक के साथ संवाद,
विभिन्न देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ द्विपक्षीय विचार-विमर्श।

गोलमेज बैठकों में वैश्विक व्यापार जगत के प्रतिनिधियों और निवेशकों के साथ संवाद।

भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत।

वित्त मंत्री सीतारमण और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास 12-13 अप्रैल को दूसरी जी 20 एफएमसीबीजी बैठक की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे। जी 20 सदस्य देशों, 13 आमंत्रित देशों और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय संगठनों के लगभग 350 प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होंगे तथा वैश्विक मुद्दों के व्यापक आयाम के परिप्रेक्ष में बहुपक्षीय चर्चाओं में भाग लेंगे।

दूसरी जी 20 एफएमसीबीजी बैठक में तीन सत्र होंगे जिनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना, सतत वित्त, वित्तीय क्षेत्र और वित्तीय समावेश तथा अंतर्राष्ट्रीय कराधान होंगे।

इन सत्रों का विशेष ध्यान, खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा का समाधान करना, वैश्विक ऋण कमजोरियों को प्रबंधित करना, बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) को मजबूत करना, जलवायु कार्रवाई के लिए वित्त जुटाना, वित्तीय समावेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाना और अंतर्राष्ट्रीय कर और वित्तीय प्रगति में तेजी लाना आदि विषयों पर विचार-विमर्श करना होगा। बैठक में भारत की जी20 वित्त ट्रैक कार्ययोजना के तहत परिकल्पित परिणामों पर हुई प्रगति का जायजा भी लिया जाएगा।

दूसरी जी20 एफएमसीबीजी बैठक जुलाई में गांधीनगर, भारत में होने वाली तीसरी जी 20 एफएमसीबीजी बैठक के लिए जी 20 भारत वित्त ट्रैक कार्ययोजना की तैयारी की दिशा में प्रयासों को आगे बढ़ाएगी।

इन बैठकों से, राजनेताओं की घोषणा के लिए वित्त ट्रैक में योगदान देने की उम्मीद है, जिसे सितंबर में नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अंगीकार किया जाएगा।

वसंतकालीन वार्षिक बैठकों के दौरान, वित्त मंत्री जी20 देशों के अपने समकक्षों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों सहित अन्य प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों के साथ भारत की जी 20 अध्यक्षता के तहत आपसी हित और सहयोग के मुद्दों और विभिन्न क्षेत्रों के बारे में चर्चा करेंगी।

अपनी यात्रा के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री 10 अप्रैल को पीटरसन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (पीआईआईई) में एक फायरसाइड चैट में भी भाग लेंगी।

11 अप्रैल को एक उच्च स्तरीय बैठक में, वित्त मंत्री पारस्परिक हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी ट्रेजरी सचिव सुश्री जेनेट येलेन से मुलाकात करेंगी।

आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक द्वारा 12 अप्रैल को वैश्विक सॉवरेन ऋण गोलमेज बैठक की सह-अध्यक्षता की जाएगी, जिसमें वर्तमान वैश्विक ऋण परिदृश्य और ऋण पुनर्संरचना की मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने के तरीकों पर चर्चा होगी।

14 अप्रैल को, “क्रिप्टो परिसंपत्तियों के वृहद्-वित्तीय प्रभाव” पर एक उच्च-स्तरीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, जिसमें क्रिप्टो परिसंपत्तियों के वृहद्-वित्तीय निहितार्थों की समीक्षा की जाएगी और लाभ उठाने तथा जोखिमों को कम करने से जुड़ी नीतियों पर चर्चा की जाएगी।

सीतारमण 15 अप्रैल को एमडीबी को मजबूत करने के लिए जी 20 विशेषज्ञ समूह के साथ भी बैठक करेंगी, जिसमें सतत विकास लक्ष्यों और सीमा पार की चुनौतियों के वित्तपोषण के सन्दर्भ में 21वीं सदी के लिए एक अद्यतन एमडीबी इकोसिस्टम की आवश्यकता पर चर्चा की जायेगी।

इनके अलावा, वित्त मंत्री 14 अप्रैल को आईएमएफ द्वारा आयोजित ‘डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के लाभ’ विषय पर एक उच्च-स्तरीय संगोष्ठी में भी भाग लेंगे।

संगोष्ठी का उद्देश्य, डीपीआई की परिवर्तनकारी शक्ति और इसकी क्षमता को अधिकतम करने के तरीकों के साथ-साथ भारत और अन्य देशों के अनुभवों पर चर्चा करना है।

आईएमएफ-डब्ल्यूबी वसंतकालीन बैठकों के दौरान आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमों में ‘उद्यमियों और अग्रणी व्यक्तियों के रूप में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा’ विषय पर एक कार्यक्रम (13 अप्रैल), जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए व्यावहारिक बदलाव पर ‘लाइफ’ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) कार्यक्रम (14 अप्रैल), श्रीलंका के लिए ऋण पुनर्संरचना वार्ता प्रक्रिया का शुभारंभ (13 अप्रैल) तथा अन्य शामिल हैं।

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