नेरवा बस डिपो में बसों के आये दिन खराब होने से सवारियां हो रहीं परेशान

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नेरवा, नोविता सूद। नेरवा डिपो के अधीन चलने वाली महत्वपूर्ण बसों का शिमला बस अड्डा से नियंत्रित किया जाना न केवल सवारियों पर भारी पड़ रहा है, बल्कि इन बसों के चालकों परिचालकों को भी आये दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है।

नेरवा से सुबह सात बजे पांवटा के लिए चलने वाली बस का आये दिन खराब होकर खड़े हो जाना एक दस्तूर बन चुका है।

क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण रुट शिमला हरिद्वार में भी सवारियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । इस रुट पर पहले 37 सीटर बस चलाई जाती थी, परन्तु कुछ समय से अब 52 सीटर बस को चलाया जा रहा है।

देहा से फेडिजपुल तक करीब 70 किलोमीटर मार्ग जगह जगह तंग है तथा इस पर अनगिनत ब्लैक स्पॉट्स भी हैं । इसके अलावा एक अन्य रुट पर छह वर्ष पूर्व नेरवा की तत्कालीन बाइस पंचायतों, व्यापार मंडल नेरवा एवं स्थानीय लोगों की पुरजोर मांग पर नेरवा से वाया विकासनगर (उत्तराखंड) पांवटा साहिब के लिए बस सेवा शुरू की गई थी।

पहले यह बस सही समय से चलती थी एवं इसकी बेहतरीन सुविधाएं भी लोगों को मिल रही थी, परन्तु कुछ समय से इस बस सेवा से की जा रही छेड़छाड़ की वजह से यह अक्सर हर कहीं हांफ रही है।

चामुंडा नेरवा रुट पर शिमला से चल कर देर रात नेरवा पंहुचने वाली बस को अब दूसरे दिन पांवटा के लिए भेजा जा रहा है । 30 मार्च को यह बस पांवटा से वापस आते विकासनगर में खराब हो गई थी तथा इसके दूसरे ही दिन यह क्वानू में खड़ी हो गई।

सोमवार को भी अडडा इंचार्ज शिमला के निर्देश पर टिकरी रूटीन पर जाने वाली बस को रद्द कर इसे पांवटा साहिब भेजा गया, जोकि रस्ते में ही खराब होकर खड़ी हो गई।

टिकरी रूटीन को रद्द करने से एक तरफ जहां न्योल क्षेत्र की पांच पंचायतों की सवारियों को परेशानी उठानी पडी दूसरी तरफ इस बस में पांवटा की तरफ जा रही सवारियों भी परेशान हुई।

पहले इन दोनों अति महत्वपूर्ण रूटों पर भारत स्टेज फॉर (बीएस-4) बसें चला करती थी,परन्तु अब बीएस थ्री बसें चल रही हैं, जिनमे से अधिकाँश अपनी निर्धारित माइलेज पूरी कर चुकी हैं।

इसके अलावा शिमला से करीब 375 किलोमीटर की दूरी तय कर हरिद्वार चलने वाली बस में एक ही चालक और परिचालक को पंद्रह पंद्रह घंटे लगातार ड्यूटी करनी पड़ रही है। ऐसे में तंग सडकों पर माइलेज पूरी कर चुकी बसों को चला कर इसमें एक ही चालक और परिचालक की ड्यूटी लगाकर लोगों की ज़िंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है।

बता दें कि उक्त दोनों रुट निगम को अच्छा खासा राजस्व प्रदान करने वाले रूटों में से एक है। यही नहीं इन रूटों से की गई छेड़छाड़ की वजह से नेरवा डिपो को होने वाली कमाई से भी हाथ धोना पड़ रहा है। इन रूटों की इनकम शिमला स्थित तारा डिपो के खाते में जा रही है।

व्यापार मंडल एवं नगर पंचायत नेरवा, नेरवा की 25 पंचायतों के जन प्रतिनिधियों तथा तमाम जनता ने उप मुख्यमंत्री तथा परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री व परिवहन निगम प्रबंधन से मांग की है कि उक्त रूटों को पर नई बसें चला कर नेरवा डिपो में तैनात अड्डा इंचार्ज व क्षेत्रीय प्रबंधक के निर्देश पर चलाने के निर्देश दिए जाएँ तथा इन रूटों की कमाई भी नेरवा डिपो के खाते में ही जमा करवाई जाए।

इस विषय में प्रबंध निदेशक हिमाचल पथ परिवहन निगम शिमला संदीप कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायत और मांग बिलकुल जायज है। इस मामले को देख कर शीघ्र ही उचित व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा।

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