नकारात्मक ऊर्जा मिटाने और धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए करें यह उपाय

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आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक – 02 दिसम्बर 2021

दिन – गुरुवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत -1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – हेमंत

मास – मार्ग शीर्ष मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार कार्तिक)

पक्ष – कृष्ण

तिथि – त्रयोदशी रात्रि 08:26 तक तत्पश्चात चतुर्दशी

नक्षत्र – स्वाती शाम 04:28 तक तत्पश्चात विशाखा

योग – शोभन शाम 05:00 तक तत्पश्चात अतिगण्ड

राहुकाल – दोपहर 01:50 से शाम 03:12 तक

सूर्योदय – 07:01

सूर्यास्त – 17:54

दिशाशूल – दक्षिण दिशा में

व्रत पर्व विवरण –

प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि

विशेष –

त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

ससुराल में तकलीफ़ हो तो

सुहागन देवियाँ को अगर ससुराल में बहुत कष्ट है, अपनी शुभ मनोकामनाएं पूरी न होने की पीड़ा है।

उनके लिए महर्षि अंगीरा के बताये अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या ( इस 4 दिसम्बर शनिवार को ) माँ पार्वती का स्मरण करते हुए उनको मन ही मन प्रणाम करें ।

” हे माँ मैं अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि की वृद्धि हेतु ये व्रत कर रही हूँ “। सुबह ये संकल्प करें और ११ मंत्र से माँ पार्वती को प्रणाम करें।

ॐ पार्वतये नमः

ॐ हेमवत्ये नमः

ॐ अम्बिकाय नमः

ॐ गिरीश वल्लभाय नमः

ॐ गंभीर नाभ्ये नमः

ॐ अपर्नाये नमः

ॐ महादेव्यै नमः

ॐ कंठ गामिन्ये नमः

ॐ क्षण मुखाये नमः

ॐ लोक मोहिन्ये नमः

ॐ मेनका कुक्षी रत्नाये नमः

फिर भगवान गणपतिजी और कार्तिक स्वामी को मन ही मन प्रणाम कर दें, हो सके तो ८ बत्ती वाला दीपक जलाएं और रात भर वो दीपक जलता रहे सुबह भले विसर्जन हो जाए।

नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए

4 दिसम्बर, शनिवार को अमावस्या है।

घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी। अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं।

अमावस्या

अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)

धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए

हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।

सामग्री :

१. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गुगल, ७. गुड़, ८. देशी कपूर, गौ चंदन या कण्डा।

विधि:

गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।

आहुति मंत्र

१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः

२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः

३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः

४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः

५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः

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