शिमला। सरकार ने प्रदेश में हाल ही में नवगठित और अपग्रेड हुए शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के अंतर्गत आने वाले लोगों को बड़ी राहत प्रदान की है। इन क्षेत्रों में आगामी तीन वर्षों तक जल आपूर्ति की दरें ग्रामीण दरों पर ही लागू रहेंगी।
यह निर्णय हाल ही शहरी स्थानीय निकायों में शामिल लोगों को सुगम और सहज रूप से शहारी व्यवस्था में शामिल करने के उद्देश्य से किया गया है।
इस निर्णय से प्रदेश भर के 47,820 उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। पानी शुल्क में रियायत के अलावा इन क्षेत्रों के निवासियों को संपत्ति कर में भी छूट प्रदान की गई है।
हाल ही में किए गए प्रशासनिक पुनर्गठन के अंतर्गत सरकार ने प्रदेश में 14 नई नगर पंचायतें गठित की हैं, जिनमें संधोल, धर्मपुर, बलद्वाड़ा, बनीखेत, खुंडियां, कोटला, नगरोटा सूरियां, कुनिहार, झण्डूता, स्वारघाट, बड़सर, भराड़ी, बंगाणा और शिलाई शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त हमीरपुर, ऊना और बद्दी को नगर निगमों में अपग्रेड किया गया है, जबकि नादौन और बैजनाथ- पपरोला को नगर परिषदों का दर्जा प्रदान किया गया है। इसके परिणामस्वरूप कई नए क्षेत्र अब शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के अधिकार क्षेत्र में शामिल हुए हैं।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि यह निर्णय शहरी निकायों के पुनर्गठन के कारण यहां रहने वाले लोगों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ से राहत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। इस निर्णय से शहरी निकायों के पुनर्गठन के दौरान इन क्षेत्रों में शामिल होने वाले लोगों का जीवन स्तर प्रभावित नहीं होगा।
पानी की दरों में रियायत और संपत्ति कर में छूट से इन क्षेत्रों के निवासी बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक दबाव के जीवनयापन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से न केवल लोगों को राहत मिलेगी बल्कि इन्हें बेहतर बुनियादी सुविधाएं भी सुनिश्चित होंगी।