मुख्यमंत्री ने नाबार्ड से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में उदार वित्तीय सहायता का आग्रह किया

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शिमला। हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नाबार्ड से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सायं नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार चरणबद्ध तरीके से डीजल वाहनों के स्थान पर विद्युत चलित वाहनों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिससे कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में सहायता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में एक सप्ताह के भीतर प्रदेश सरकार द्वारा कन्सेप्ट पेपर नाबार्ड को प्रस्तुत किया जाएगा और विस्तृत योजना रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने से पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा और हिमाचल प्रदेश हरित ऊर्जा राज्य बनने की दिशा में अग्रसर होगा जिससे प्रदेश में पर्यटकों की आवाजाही में भी बढ़ौतरी होगी। पर्यटन प्रदेश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्त्रोत है जिससे प्रदेश के हजारों परिवारों को रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध हो रहा है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नाबार्ड को विद्यालयों के भवन, व्यवसायिक अधोसंरचना, खाद्य प्रसंस्करण यूनिट, इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर परियोजनाओं के निर्माण के लिए उदार वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।

उन्होंने किसानों की आय में वृद्धि और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने दिशा में बल देते हुए नाबार्ड से दुग्ध क्षेत्र के विकास के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कहा।

इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, सीजीएम नाबार्ड सुंधाशु केके मिश्रा, महाप्रबन्धक विवेक पठानिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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