मुख्यमंत्री ने की लाहौल-स्पीति जिला के स्नो फेस्टिवल के समापन समारोह की अध्यक्षता

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शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल माध्यम द्वारा लाहौल-स्पीति जिले के स्नो फेस्टिवल के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 75 दिनों तक चला यह महोत्सव इस जनजातीय जिला की समृद्ध एवं विविध सांस्कृतिक परंपराओं व पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

उन्होंने कहा कि अटल टनल ने विकास के नए रास्ते खोले हैं और वर्ष भर सम्पर्क सुविधा सुनिश्चित की है। इस टनल से पर्यटन विकास को भी बहुत बढ़ावा मिला है क्योंकि इसके माध्यम से यह मनमोहक और खूबसूरत घाटी विश्व भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि इस जिले के लोगों की अर्थव्यवस्था में भी बदलाव आएगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि अटल टनल और पर्यटन धीरे-धीरे पर्याय बनते जा रहे है, यहां प्रतिदिन 5000 से अधिक पर्यटक वाहन लाहौल घाटी की ओर जाने के लिए इस टनल को पार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पर्यटकों को बेहतरीन बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि वे घाटी में आराम से रह सकें। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से विलुप्त होती जा रही कुछ परम्पराओं को पुनर्जीवित करने और दुनिया के सामने प्रदर्शित करने में मदद मिली है।

इससे विश्व भर के पर्यटक घाटी में भ्रमण के लिए प्रेरित होंगे और उन्हें जनजातीय संस्कृति और वेशभूषा की झलक देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि टनल को राष्ट्र को समर्पित करने से पहले यहां केवल 71 होम स्टे थे और आज पर्यटकों की जरूरतों के लिए 450 से अधिक होम स्टे उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्नो फेस्टिवल में विविधता लाने के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि विश्व को कुछ विशेष और नया प्रदर्शित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अटल टनल को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद आयोजित इस कार्यक्रम के बारे में वह प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत रूप से अवगत कराएंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही लाहौल स्पीति जिले में पर्यटन के प्रभावी विपणन के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्री के समक्ष एक ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी और इस आयोजन के जीआई टैगिंग सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।

जय राम ठाकुर ने कहा कि घाटी में सी बकथोर्न की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। इससे न केवल किसानों की अर्थव्यवस्था बल्कि क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

जनजातीय विकास, तकनीकी शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डा राम लाल मारकंडा ने लाहौल-स्पीति जिले के विकास में गहरी रुचि के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गत तीन वर्षों के दौरान कई बार जिले का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि इस पूर्ण आयोजन का दस्तावेज तैयार किया जाएगा और उम्मीद जताई कि यह जनजातीय जिले की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में लोगों ने प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित की है और इसका आयोजन क्षेत्र के लोगों के योगदान से किया गया है।

उन्होंने कहा कि होम स्टे चलाने वाले लोगों को प्रभावी प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे पर्यटकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें। उन्होंने राज्य के इस जिले के लिए एसी टू डीसी का पद पुनः बहाल करने करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जीओ के 18 और एयरटेल के तीन टावरों ने बेहतर संचार सुविधा सुनिश्चित की है। उन्होंने राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त बजट प्रावधान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

उपायुक्त लाहौल-स्पीति पंकज राय ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि इस महोत्सव ने 75 दिनों तक मनाए जाने वाले दुनिया के सबसे लंबे महोत्सव का गौरव हासिल किया है।

उन्होंने कहा कि यह महोत्सव इस जनजातीय जिले की विभिन्न घाटियों के बीच संस्कृति के आदान-प्रदान में अहम भूमिका अदा करेगा। उन्होंने इस महोत्सव के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में एक प्रस्तुति भी दी।

इस महोत्सव में पर्यटकों को आकर्षित करने और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए फुड फेस्टिवल का आयोजन भी किया गया। होम स्टे और हस्तकला पर कार्यशालाएं आयोजित की गई और इसे धूमधाम से मनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की गई।

उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन, शीतकालीन और संबद्ध खेलों तथा आइस हाॅकी, स्कीइंग एवं स्नो क्राफ्ट को भी बढ़ावा मिलेगा।

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