प्रदेश शिक्षक महासंघ के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

Spread with love

शिमला। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा की अगुवाई में मुख्यमंत्री हिमाचल की सरकार जयराम ठाकुर से मिला।

शिष्टमंडल ने शिक्षकों से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर उच्चस्तरीय बैठक करवाने का आग्रह किया। साथ ही नववर्ष की बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं दी।

प्रांत महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर प्रदेश सरकार ने बहुत सारी समस्याएं, जो पाठशाला और अध्यापकों से संबंधित हैं, का निराकरण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई में कर दिया है, जिसके लिए महासंघ ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त
किया।

डॉ पुंडीर ने बताया कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के द्वारा किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के सामाजिक और राष्ट्रहित के कार्यक्रमों की चर्चा की।

इसमें प्रदेश भर में कर्तव्य बोध दिवस जो 13 जनवरी से 26 जनवरी तक, प्रतिभा सम्मान समारोह, गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु वंदन कार्यक्रम, शाश्वत जीवन मूल्य अभियान, नव वर्ष शुभेच्छा कार्यक्रम जैसे कई अन्य कार्यक्रम प्रदेश भर में करवाता है।

डॉ पुंडीर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में 18 लाख 50000 की राशि, प्रधानमंत्री के अकाउंट में 256000 की राशि, हिमाचल प्रदेश शिक्षक ने पश्चिम बंगाल के लिए 30100 की राशि और इंजेक्शन लगाने के बाद प्रधानमंत्री के अकाउंट में 42170 की राशि दान की ।

हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के कार्यकर्ताओं ने 6732 राशन किटें गरीब परिवारों में बांटी। कोरोना काल में गरीब बस्ती में गरीब परिवार और मजदूरों के 3232 परिवारों तक भोजन के पैकेट उपलब्ध करवाएं।

हिमाचल हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के सहयोग हेतु अपने हेल्पलाइन नंबर जारी करके 332 कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर प्रदेश भर में दिन-रात काम किया और जिसमें 248 लोगों ने विभिन्न चेकपोस्ट प्रभु सेवाओं के साथ 1000 से ज्यादा अध्यापकों ने अपनी सेवाएं दी।

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि बाकी बची हुई ज्वलंत 12 समस्याओं का जल्द निराकरण किया जाए।

भाषा अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दिया जाए, 2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को पदोन्नति में पहले की तरह मुख्याध्यापक व प्रवक्ता की पदोन्नति दोनों तरह के ऑप्शन दिए जाएं।

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधीन प्रशिक्षित स्नातक को उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन किया जाए। एक जनवरी 2004 से पूर्व की पेंशन योजना बहाल की जाए।2016 के बाद प्राचार्य व मुख्य अध्यापक पद की पदोन्नति नियमित की जाए।

2012 से पूर्व नियुक्त जेबीटी पद हुए एचटी को पदोन्नति वेतनवृद्धि प्रदान की जाए क्योंकि 2012 के बाद पदोन्नत हुए एचटी को यह मिल रही है।

07. 07. 14 की सूचना को रद्द कर 4-9-14 एसीपी का लाभ तथा 2009 की अधिसूचना के अनुसार दिया जाए ।प्रवक्ता न्यू के स्थान पर प्रवक्ता पद नाम किया जाए।

1986 की आरएंडपी रूल बहाल किये जाएं। योग्यता पूर्ण करने वाला डीपी अध्यापकों को प्रवक्ता फिजिकल एजुकेशन घोषित किया जाए तथा एक समान ग्रेड पे 5400 किया जाए।

शिक्षा विभाग में 20 वर्षों से कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के लिए तर्कसंगत नीति बनाकर शिक्षा विभाग अपने अधीन लें और आउटसोर्सिंग के तहत नियुक्त वोकेशन अध्यापक व डाटा ऑपरेटर के लिए भी तर्कसंगत नीति बनाई जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: