शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सेब सीजन-2022 के दृष्टिगत आज फल उत्पादक संघ तथा राज्य सरकार के सम्बद्ध विभागों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि व्यापारियों, निजी सीए स्टोर मालिकों तथा अन्य लोगों द्वारा बागवानों के शोषण को रोकने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सेब आर्थिकी लगभग 5000 करोड़ रुपये की है और यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का मुख्य घटक है। उन्होंने कहा कि प्रायः यह देखा गया है कि विभिन्न स्तरों पर सेब उत्पादकों का शोषण होता है इसलिए यह कमेटी इस मामले को वृहद रूप से देखेगी। इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, प्रधान सचिव राज्य कर एवं आबकारी, सचिव कृषि और बागवानी के अतिरिक्त इस समिति में विभिन्न कृषि संघों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि बागवानों, फल उत्पादकों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने एचपीएमसी द्वारा क्रय की जाने वाली कार्टन और ट्रे जैसी पैकेजिंग साम्रगी पर 15 जुलाई, 2022 से छः प्रतिशत उपदान प्रदान करने का निर्णय लिया है।
इसके लिए एचपीएमसी को 10 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बागवानों की बकाया राशि को शीघ्र चुकाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने संबंधित प्राधिकरणों को विभिन्न बैरियरों पर एकत्रित किए जाने वाले शुल्कों के मामले में उचित कदम उठाने के निर्देश दिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बागवानों के कल्याण के लिए प्रदेश में बागवानी बोर्ड के गठन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने बागवानों से सीए स्टोर स्थापित करने और विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सहकारी समितियां गठित करने के लिए आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत सेब के प्रति किलो खरीद मूल्य को 7.50 से बढ़ाकर 10.50 रुपये किया है।
बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर, चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा, ठियोग के विधायक राकेश सिंघा, शिमला नगर निगम के पूर्व महापौर संजय चौहान और अन्य प्रगतिशील बागवानों ने इस अवसर पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।