मुख्य निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन

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शिमला। मुख्य निर्वाचन अधिकारी, हिमाचल प्रदेश, सी पालरासु की अध्यक्षता में उप-निर्वाचन-2021 के दृष्टिगत राज्य नोडल अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस, आबकारी एवं कराधान तथा आयकर विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में पुलिस विभाग के दायित्वों की समीक्षा करते हुए विभाग की ओर से तैयार राज्य निर्वाचन सुरक्षा योजना पर चर्चा की गई। सीमावर्ती क्षेत्रों, जिलों अथवा राज्य की सीमाओं पर जांच व रोकथाम के व्यापक प्रबंध करने, अंतर जिला व अंतर-राज्यीय नाकों और अन्य प्रवेश स्थलों पर 24 घंटे निगरानी तथा पड़ोसी राज्य अथवा जिलों से शराब, ड्रग्स, नगदी, अवैध शस्त्र इत्यादि की संभावित खपत पर नियंत्रण व निगरानी के लिए उन जिलों अथवा राज्यों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने पर बल दिया गया।

संबंधित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में हिस्ट्रीशीटर, घोषित भगौड़े तथा अन्य अपराधियों के विरुद्ध निवारक उपाय करने व लंबित गैर जमानती वारंट के निष्पादन के निर्देश दिए गए।

इसके अतिरिक्त शस्त्र जमा करवाने, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती के लिए कार्य योजना, उड़न दस्तों व अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने तथा दैनिक आधार पर विभिन्न गतिविधियों की रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में आबकारी विभाग को निर्देश दिए गए कि उप-निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण होने तक आरटीओ चेकपोस्ट और सीमाओं पर स्थित चेक पोस्ट में सभी वाहनों की आवाजाही पर गहनता से निगरानी रखी जाए।

उप-निर्वाचन से संबंधित कांगड़ा, सोलन, शिमला, मंडी, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति तथा चंबा जिला के सभी शराब भंडारों व भट्टियों को चौबीसों घंटे सीसीटीवी निगरानी के अधीन रखने तथा पुलिस कर्मियों की समुचित व्यवस्था कर बिना वैध लाइसेंस के किसी भी तरह की शराब की आपूर्ति पर नजर रखने को कहा गया।

आयकर विभाग को निर्देश दिए गए कि उप-निर्वाचन अवधि में हवाई अड्डों, होटल, वित्तीय दलालों (फाइनेंसियल ब्रोकर), रोकड़ संदेशवाहकों (कैश कूरियर) और अन्य संदिग्ध एजेंसियों अथवा व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजदीकी से नजर रखें, ताकि अघोषित नगदी के प्रवाह को रोका जा सके।

इसके लिए विभाग को संबंधित जिलों की प्रवर्तन एजेंसियों व जिला निगरानी सेल के साथ समन्वय स्थापित करने तथा 10 लाख रुपए से अधिक संदिग्ध प्रकृति के जमा अथवा निकासी के मामलों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए।

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