शिमला। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल और सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार पूरे देश में सामान्य विकास के लिए कार्य कर रही है और जब से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, विकास के कार्य को मोदी सरकार उसी प्रकार से चला रही है जिस प्रकार से पहले चला रही थी।
मोदी सरकार यह नहीं देखते कि प्रदेश में कांग्रेस हो या भाजपा, केवल विकास की बात होती है। उन्होंने कहा कि कल कैबिनेट में मोदी सरकार ने हिमाचल प्रदेश को सतलुज नदी पर 382 मेगावाट का सुन्नी हाइड्रो प्रोजेक्ट दिया है।
इसको सतलुज जल विद्युत निगम चलाएगा। इस प्रोजेक्ट से हिमाचल प्रदेश को बहुत लाभ होने वाला है।
संजीव कटवाल ने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2 संसदीय क्षेत्रों के लिए लाभदाई होगा जिसमें मंडी और शिमला संसदीय क्षेत्र हैं। जब यह प्रोजेक्ट बन रहा होगा तो 4000 लोगों को इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरी प्राप्त होगी और जब यह बनकर तैयार हो जाएगा तो 500 लोगों को पक्की नौकरी इस प्रोजेक्ट में मिलने वाली है।
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 2615 करोड़ है। कटवाल ने कहा कि हाल ही में 31 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश को केंद्र में मोदी सरकार ने 42 करोड़ की सौगात दी है, जिससे 3 प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश में बनकर तैयार होंगे। उसमें से कांगड़ा के पालमपुर में सूचना प्रौद्योगिकी पार्क का निर्माण भी होना है।
करण नंदा ने कहा कि सतलुज नदी पर सुनी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट 5 साल में बनकर तैयार होगा और इसके लिए स्टेज टू फॉरेस्टक्लीयरेंस भी सरकार ने 23 अगस्त 2022 को दे दी और इसको लेकर एनवायरमेंट क्लीयरेंस भी सरकार ने 4 फरवरी 2022 को दे दी थी।
ऐसा नहीं है कि इस प्रोजेक्ट पर काम पहले से चल रहा था, कल ही कैबिनेट ने इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है और इसके लिए पीआईबी द्वारा जो भी फंड है उसको भी आवंटित कर दिया गया है।
इस प्रोजेक्ट से 1382 मिलियन यूनिट बिजली हर साल बनकर तैयार होंगे और उसमें से 12% यूनिट हिमाचल प्रदेश को मुफ्त मिलेंगे जिससे हिमाचल को कुल लाभ 2587 करोड़ होगा। यह लाभ इस प्रोजेक्ट के 40 साल के लाइफ साइकिल में माना जाएगा।
केंद्र सरकार ने लोकल डेवलपमेंट फंड के अंतर्गत 39 करोड़ रुपए की राशि आवंटित कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश में एम्स का काम भी तेज गति से चल रहा है, जिसका दूसरा चरण 31 जनवरी को पूरा हो जाएगा, इसमें 750 बेड और एम्स बिलासपुर में ऐड हो जाएंगे।
सेकंड फेस का कार्य 800 करोड़ रुपए लगाकर पूरा होगा और इससे साफ होता है कि हिमाचल प्रदेश के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं कर रही है।