शिमला। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में मंत्रिमण्डल ने भारतीय जनता पार्टी के स्वर्णिम हिमाचल दृष्टिपत्र-2017 के कार्यान्वयन में प्रगति की समीक्षा की।
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस सम्बन्ध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुति दी।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अन्तर्गत वृद्धजनों को लाभान्वित करने के दृष्टिगत 60 से 69 वर्ष की आयु के वृद्धजनों, जिनकी समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 35000 रुपये से अधिक न हो को वर्तमान में 850 रुपये प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन प्रदान की जा रही है।
वर्ष 2021-22 से 65 वर्ष से 69 वर्ष आयु वर्ग की वरिष्ठ महिलाओं को यह वृद्धावस्था पेंशन बिना आय सीमा शर्त के 1000 रुपये प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार ने जनवरी 2018 से 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को बिना आयु सीमा शर्त के दी जाने वाली पेंशन के लिए आयु सीमा घटाकर 70 वर्ष कर दी है।
वर्तमान में 70 वर्ष या अधिक आयु के वृद्धजनों को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन बिना आय सीमा के प्रदान की जा रही है। पिछले तीन वर्षों के दौरान सरकार द्वारा 1,95,000 नये पात्र लाभार्थियों को पेंशन स्वीकृत की गई, जिस पर 2152.47 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सशक्त महिला योजना के अन्तर्गत सभी ग्राम पंचायतों, नगर निगम के वार्डों और नगर परिषदों में 3765 सशक्त महिला केन्द्रों का गठन किया जा चुका है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की मांगों तथा समस्याओं के लिए उनके प्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
वर्तमान प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4750 रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2021 में 7300 रुपये तथा आंगनवाड़ी सहायिकाओं का मानदेय वर्ष 2018 में 2400 रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2021 में 3800 रुपये तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय वर्ष 2018 में 3300 रुपये से बढ़ाकर 5200 रुपये किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य संचालित कोचिंग योजना के अनुरूप हिमाचल के सभी वर्गों से सम्बन्धित अभ्यार्थियों को प्रशासनिक सेवाओं की प्रारम्भिक परीक्षा उतीर्ण करने पर 30 हजार रुपये की राशि प्रशिक्षण के लिए प्रदान करने का प्रावधान है।
इस योजना के तहत वर्ष 2018-19 में 45, 2019-20 में 9 तथा 2020-21 में पांच लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षा विभाग में अगस्त, 2020 के बाद 5557 पीटीए अध्यापकों, 3274 पैट अध्यापकों, 97 पैरा अध्यापकों और 148 ग्रामीण विद्या उपासकों को नियमित किया जा चुका हैं।
2555 एसएमसी अध्यापकों को 31 मार्च, 2022 तक सेवा विस्तार दिया गया है तथा 2021-22 के बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुसार इनके मानदेय में भी 500 रुपये की वृद्धि की गई है।
प्रदेश सरकार द्वारा महाविद्यालयों के 905 मेधावी छात्र-छात्राओं को वर्ष 2018 के लिए लैपटाॅप वितरित कर दिए गए हैं। शैक्षणिक सत्र 2018-19 तथा 2019-20 के लिए 1816 लैपटाॅप की खरीद प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश राज्य इलैक्ट्राॅनिक्स विकास निगम द्वारा जारी है।
सभी सरकारी महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत 114 महाविद्यालयों में ये सुविधा प्रदान कर दी गई है। भारत नेट परियोजना के अन्तर्गत भी स्कूलों में इन्टरनेट सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सभी विद्यालयों के आधुनिकीकरण के दृष्टिगत समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 2131 स्कूलों में आईसीटी प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं तथा 418 स्कूलों के लिए टेण्डर प्रक्रिया चल रही है। प्राथमिक शिक्षा के 111 क्लस्टर स्कूलों को भी आधारिक संरचना उपलब्ध करवाई जा रही है।
प्रदेश में शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने के दृष्टिगत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत एनसीईआरटी और एससीईआरटी द्वारा पाठ्यक्रम का पुनर्निरीक्षण आरम्भ कर दिया गया है।
सरकार द्वारा हर उपमण्डल में पूर्ण सुविधायुक्त अस्पताल सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ प्रयास किए गए हैं। कोविड महामारी से निपटने के लिए सभी जिला स्तरीय अस्पतालों में अतिरिक्त बैड, आक्सीजन की सुविधा, आक्सीजन प्लांट, श्रमशक्ति, आक्सीजन कंस्ट्रेटर, वेंटिलेटर इत्यादि उपलब्ध करवाए गए हैं।
वर्तमान में प्रदेश में 10 हजार से अधिक आक्सीजनयुक्त बैड उपलब्ध हैं और लगभग 80 मीट्रिक टन प्रतिदिन आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। 28 स्थानों पर पीएसए प्लांट लगाए गए हैं। 1014 वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
सीएससी स्तर पर 2700 आक्सीजन कंस्ट्रेटर उपलब्ध हैं। ये सुविधाएं चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला अस्पताल तथा 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों में उपलब्ध है।
एम्बुलेंस सेवा को सुदृढ़ करने के लिए वर्ष 2019 में 46 पुरानी एम्बुलेंस तथा वर्ष 2020 में 100 पुरानी एम्बुलेंस बदली गई हैं। किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिला में टैलीमेडिसन सुविधा के माध्यम से 21626 रोगियों को लाभान्वित किया गया हैं।
सरकार ने प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए 56 प्रकार के निदानिक परीक्षण निःशुल्क उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। पूर्व में यह टेस्ट चिन्हित 11 श्रेणियों के रोगियों के लिए ही उपलब्ध होते थे।
आपातकालीन परिस्थितियों के लिए प्रदेश में 9 ट्रामा सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं तथा सभी सरकारी अस्पतालों में आधारभूत ढांचे का उन्नयन और आधुनिकीकरण सुनिश्चित किया जा रहा है।