शिमला। दीन दयाल अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों की सुविधा के लिए मिल्कफेड और एचपीएमसी की दुकानों को खोलने की मंजूरी दी थी पर वहां राशन की दुकान खोल दी है।दिन दयाल उपाध्याय अस्पताल में मिठाई और दूध के प्रोडक्ट के बजाय तेल, साबुन, आटा व चावल मिल रहे हैं।
अस्पताल प्रबंधन ने जांच के लिए कमेटी बना दी है।अस्पताल के एमएस डॉ लोकेंद्र शर्मा ने जानकारी दी है।उन्होंने कहा कि दुकानों का निरीक्षण किया गया है और कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि मिल्कफेड के आउटलेट खोलने के लिए परमिशन दी थी और अन्य प्रोडक्ट को बेचने की अनुमति नहीं दी गयी थी।
रिपन अस्पताल प्रबंधन ने मिल्कफेड के एमडी को नोटिस भेजा है।गौरतलब है कि अगर आप रिपन अस्पताल में चल रही मिल्कफेड की दुकान में जाएंगे तो आपको मिठाई और दूध के प्रोडक्ट नहीं मिलेंगे। यहां पर राशन की दुकान खोल दी गई है। इसी तरह अगर अस्पताल परिसर में एचपीएमसी के आउटलेट पर जाएंगे तो यहां भी यही हाल है।अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों की सुविधा के लिए मिल्कफेड और एचपीएमसी की दुकानों को खोलने के लिए मंजूरी दी थी। लेकिन अस्पताल प्रबंधन को शिकायत मिली है कि यहां मिल्कफेड के प्रोडक्ट नहीं मिल रहे हैं, जबकि यहां पर राशन की दुकान खोल दी गई है। यहां तेल, साबुन जैसा सामान मिल रहा है।रिपन अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। अस्पताल के एमएस डॉ लोकेंद्र शर्मा रॉकी ने कहा कि उन्हें इस तरह शिकायत मिली है। मौके पर जाकर भी दुकानों का निरीक्षण किया गया है। कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद उन लोगों पर कार्रवाई होगी, जिन्हें ये दुकानें दी गई हैं।
शिमला में अस्पताल परिसर में दुकानें खोलने की अनुमति तभी दी जाती है, जब उसमें तय मानकों के तहत सामान बिकता हो। उदाहरण के लिए अगर मिल्कफेड के आउटलेट खोलने की परमिशन मिली है तो उसमें सिर्फ मिल्कफेड के ही प्रोडेक्ट बिक सकते हैं। अन्य प्रोडक्ट को बेचने की अनुमति नहीं होती है।रिपन अस्पताल प्रबंधन की ओर से मिल्कफेड के एमडी को भी नोटिस भेजा गया है। नोटिस माध्यम से उनसे जवाब मांगा गया है कि मिल्कफेड की दुकान में अन्य सामान को किस आधार पर बेचने की परमिशन दी गई है।
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