हिमाचल में हुई मानसून की रिकॉर्ड बरसात से अभी तक बह गए 1981 करोड़, 284 की हुई मौत

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केंद्र ने बरसात के बीच हिमाचल भेजी टीमों ने भी माना हुई भारी तबाही

हिमाचल। प्रदेश में 2018 के बाद मानसून की बरसात ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। अनुमान है कि इस बार की बरसात नुकसान के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी।

हिमाचल प्रदेश में पिछले 18 वर्षो के दौरान तीसरा ऐसा मौका है जब मानसून की बरसात सामान्य या सामान्य से अधिक रही है, जिसका आंकलन करने केंद्र की दो टीम हिमाचल पहुंची।

28 अगस्त को पहुंची इन टीमों ने कांगड़ा व कुल्लू में हुए नुकसान का जायज़ा लिया। उसके बाद आज धर्मशाला व बिलासपुर से इन टीमों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन व राजस्व के अधिकारियों के साथ बैठक की।

हिमाचल में ये पहला मौका है जब केंद्र की ये टीम अक्टूबर- नवंबर के बजाय बरसात के बीच में हिमाचल में बरसात से हुए नुकसान का आंकलन करने पहुंची है।

हिमाचल राजस्व व आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में मानसून से 1981 करोड़ का नुकसान हो चुका है, जिसके बढ़कर तीन हज़ार करोड़ से ऊपर जाने का अनुमान है जो आज तक का सबसे ज्यादा होगा।

इससे पहले 2018 में बरसात से सबसे अधिक 2300 करोड़ का नुकसान हुआ था। मानसून की बरसात से अभी तक 284 लोगों की मौत हो चुकी है, 9 लोग लापता हैं और 532 लोग घायल हुए हैं।

ओंकार शर्मा ने बताया कि केंद्र की टीम ने भी माना है कि प्रदेश में मानसून से भारी नुकसान हुआ है। टीमों ने स्वयं दो दिन तक मौके में जाकर नुकसान का जायज़ा लिया है।

उम्मीद है कि प्रदेश को जल्द केंद्र से अंतरिम राहत मिलेगी। जून में 34 फ़ीसदी फ़ीसदी कम बरसात हुई थी लेकिन जुलाई अगस्त में मानसून की बरसात ने 18 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

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