धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की सरकार आज लोकसभा चुनावों व पार्टी में घट रहे घटनाचक्र के बाद हुई फ़जीहत को देखते हुए लोक लुभावनी घोषणाएं कर रही है।
पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज ज़ब लोकसभा चुनाव सर पर हैं और कांग्रेस अपनी झूठ गारंटी का प्रभाव 4 राज्यों के चुनाव के नतीजे से देख चुकी है तो मात्र अपने डैमेज को रोकने व जनता में अपनी खराब हुई छवि को समेटने के चक्कर में घोषणाएं कर रहे हैं जबकि बजट में इन बातों के लिए कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री या तो खुद को बहुत चतुर समझते हैं या फिर हिमाचल की जनता को मूर्ख! मुख्यमंत्री बार -बार खाली खजाने की दुहाई देते नजर आते हैं, वो आज लोकसभा चुनाव को सामने देख एक बार फिर जनता को ठगने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी चतुराई दिखाते हुए यह भूल जाते हैं कि ज़ब बजट में प्रावधान नहीं तो 1500 कहां से देने की बात कर रहे हैं।
हिमाचल की जनता भोली हो सकती है पर अनपढ़ व अज्ञानी नहीं। उन्हें पता है कि जिस योजना को शुरू किया जाना होता है, उसके लिए पहले बजट में प्रावधान करना आवश्यक होता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री की सरकार व प्रदेश के प्रति गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री अपने दोस्तों को कैबिनेट रैंक रेवड़ियों की तरह बांटते रहे।
उन्होंने क्षेत्रीय समीकरण तक का ध्यान नहीं रखा और आज ज़ब विधायक एक एक कर कांग्रेस जैसे डूबते जहाज से बाहर कूद रहे तो उन्हें पदों का लालच दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री कितने गंभीर है कि अपने बजटीय भाषण में वह भूल गए कि महिलाओं को 1500 देना है और आज एकाएक याद आने पर उसकी घोषणा कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं कि अप्रैल फूल बनाया जैसी बात कह कर पल्ला झाड जाये।
मुख्यमंत्री इतने बड़े संवैधानिक पद पर बैठ कर भी झूठ बोलते हैं जिसका उदाहरण प्रदेश की जनता व युवाओं ने बजट सत्र के दौरान देखा होगा।
अपने मेनिफेस्टो में प्रतिवर्ष एक साल में एक लाख सरकारी रोजगार लिखा होने के बाद उस बात से मुकर जाना और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मेनिफेस्टो में उस बात के उल्लेख को सदन के सामने पढ़ कर सुनाना इस बात का सबूत है कि उन्होंने युवाओं को सरकारी नौकरी के नाम पर कैसे ठगा है।