शिमला/ दिल्ली। 1952 से लेकर आज तक लोकसभा के स्पीकर के लिए कभी भी चुनाव नहीं हुए हैं। लेकिन आज यह परिपाटी टूटने वाली है।
देश के इतिहास में यह 72 सालों बाद होगा कि लोकसभा के स्पीकर के लिए चुनाव होगा। इससे पहले लोकसभा का अध्यक्ष हमेशा सत्तापक्ष के खेमे से निर्विरोध चुना जाता रहा है। 1952 से लेकर आज तक 72 सालों में हमेशा अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया है।
1952 में लोकसभा के स्पीकर के लिए चुनाव हुए थे लेकिन उसके बाद कभी भी लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं हुए।
लोकसभा स्पीकर के लिए मतदान आज सुबह 11 बजे होगा।
यह नौबत इसलिए आई क्योंकि विपक्ष ने मांग रखी कि अगर लोकसभा का अध्यक्ष सत्ता पक्ष से है तो उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। एनडीए की ओर से इस मांग पर ऐतराज जताया गया और इसे मोलभाव बताया गया।
सत्ता पक्ष का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव और उपाध्यक्ष का चुनाव अलग तरीके से होता है। इस विषय पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए और इस तरह की शर्त रखना जायज नहीं है।
ओम बिरला एनडीए की ओर से लोकसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार हैं। ओम बिरला राजस्थान के कोटा से सांसद हैं और वह तीसरी बार निर्वाचित हो कर संसद पहुंचे हैं। बिरला 17वीं लोकसभा में भी स्पीकर का पद संभाला चुके हैं।
वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से के सुरेश उम्मीदवार बनाए गए हैं। के सुरेश 8वीं बार जीतकर संसद पहुंचे हैं और वह केरल से कांग्रेस के सांसद हैं।