लगातार झूठ बोलती आ रही सरकार की बात पर अब किसी को कोई भरोसा नहीं : राणा

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हमीरपुर। झूठ पर झूठ बोलकर देश को गुमराह करने वाली केंद्र सरकार ने अब देश को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने वाला नया शगूफा छोड़ा है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।

वर्तमान में बुरी तरह लुटे-पिटे देश की अर्थव्यवस्था अढ़ाई लाख ट्रिलियन से भी नीचे है। लेकिन अब फेंकू राजनीति की फेंकगिरी में सरकार ने देश को 5 लाख ट्रिलियन का नया झूठा जुमला गढ़ा है। राणा ने कहा कि अर्थशास्त्रियों की मानें तो देश की अर्थव्यवस्था आगे बढऩे की बजाय उससे भी पीछे आ खड़ी हुई है, जहां यूपीए सरकार ने इसे छोड़ा था।

झूठ में माहिर सरकार अब इतना झूठ बोल चुकी है कि उसकी बात पर अब देश के आम नागरिक को यकीन नहीं होता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि देश की जनता बस अब चुनावों का इंतजार कर रही है। बीजेपी सत्ता में रहेगी तब तो इस झूठे जुमले के मुताबिक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाएगी।

जनता इस सरकार से इस कदर तंग आ चुकी है कि अब आने वाले वक्त में इनको गलती से भी सत्ता का कोई मौका नहीं देने वाली है। जुमले, शोशे, शगूफे छोड़कर लोकतंत्र में लोगों के दिल नहीं जीते जा सकते हैं। बीजेपी की आदत झूठे जुमले बोलकर भूल जाने की है, जैसे अब 15 लाख के जुमले पर सरकार अब कोई बात नहीं करती है।

नोटबंदी, तालाबंदी, जीएसटी जैसे तानाशाह कानूनों को लागू करके देश के नागरिकों को तबाह कर चुकी सरकार सिर्फ झूठ बोलने में मास्टर है। लेकिन अब यह तय है कि इन लोकतंत्र के लूटेरों व नए-नए झूठ के अविष्कारकों की बात पर कोई भरोसा देश को नहीं है।

94 फीसदी असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली जनता बुरी तरह कंगाल हो चुकी है। गरीब आदमी तबाह हो चुका है। ऐसे में 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का ख्वाब झूठा ख्वाह है जो कभी पूरा नहीं होगा।

राणा ने सवाल खड़ा किया है कि जब पैनडेमिक के पहले ही देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लुढ़क कर 8 फीसदी से 3 फीसदी तक जा पहुंची थी तो अब कोरोना महामारी व लॉकडाउन के बाद बर्बाद हुए देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन तक कैसे पहुंचेगी।

यह आम आदमी की समझ में भी आ चुका है। देश की अर्थव्यवस्था के नाम पर गरीबों का खून चूसने में लगी सरकार अब कोरोना के बहाने व 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का ख्वाब दिखाकर देश को ठगने का नया मंसूबा बना रही है।

राणा ने कहा कि अब देश की जनता केंद्र सरकार से सीधे सवाल पर जवाब मांगे कि 2014 में 2 करोड़ नौकरियां देने के वायदे का क्या हुआ। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि अगर देश पर कोरोना संकट न भी आता तो लोकतंत्र में मची लूट के कारण देश की अर्थव्यवस्था तो पहले ही बर्बाद हो चुकी थी।

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