आज का पञ्चाङ्ग
दिनांक – 22 फरवरी 2022
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2078
शक संवत -1943
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ऋतु
मास – फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार- माघ)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – षष्ठी शाम 06:34 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र – स्वाती दोपहर 03:36 तक तत्पश्चात विशाखा
योग – वृद्धि सुबह 10:52 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहुकाल – शाम 03:46 से शाम 05:13 तक
सूर्योदय – 07:05
सूर्यास्त – 18:38
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
विशेष –
षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
सिर में जूँ एवं लीख
पहला प्रयोगः निबौली, सरसों कि तेल लगाने से अथवा अरीठे का फेन लगाने से जूँ और लीखें मर जाती हैं।
दूसरा प्रयोगः तुलसी के पत्ते पीसकर सिर पर लगा लें। तदुपरांत सिर पर कपड़ा बाँध लें। सारी जुएँ मरकर कपड़े से चिपक जाएँगी। दो-तीन बार लगाने से ही सारी जुएँ साफ हो जायेंगी।
लक्ष्मी की चाह रखने वाले किनसे बचें
भगवान श्रीहरि कहते हैं : “जो अशुद्ध ह्रदयवाला, क्रूर, हिंसक, दूसरों की निंदा करनेवाला होता है, उसके घर से भगवती लक्ष्मी चली जाती हैं।
जो नखों से निष्प्रयोजन तिनका तोड़ता है अथवा नखों से भूमि को कुरेदता रहता है उसके घर से मेरी प्रिय लक्ष्मी चली जाती हैं।
जो सूर्योदय के समय भोजन, दिन में शयन तथा दिन में मैथुन करता है उसके यहाँ से मेरी प्रिया लक्ष्मी चली जाती हैं।” (श्रीमद् देवी भागवत )
मृत्यु के समय
मरते समय भी गौ के गोबर का लेप करके मुर्दे को रखो, उसकी सद्गति होगी। मरते समय उनके मुँह में तुलसी के पत्ते रखो। गाय के गोबर के कंडे का धुआं करो तो उसके बैक्टेरिया दूसरे को नहीं सताएँगे।